बिहार के मजफ्फरपुर जिले में दो नवंबर से अग्निवीर बहाली प्रक्रिया शुरू होगी. अग्निवीर बहाली प्रक्रिया शहर के चक्कर मैदान में होगी. इसमें मुजफ्फरपुर सहित आठ जिलों के करीब 1.50 लाख अभ्यार्थी शामिल होंगे. भीड़ को देखते हुए बहाली स्थल पर कोरोना प्रोटोकाल का शत-प्रतिशत पालन करने को लेकर विशेष निर्देश जारी किया गया है. इस दौरान जो अभ्यार्थी बिना बूस्टर डोज लिए पहुंचेंगे, उन्हें बहाली में शामिल नहीं किया जायेगा. अभ्यार्थी को प्रथम, द्वितीय और बूस्टर डोज लेना अनिवार्य कर दिया है. साथ ही इसका प्रमाण पत्र भी उन्हें साथ रखना है. बहाली के दिन से 72 घंटा पहले का निर्गत नो-कोरोना सर्टिफिकेट भी देना है. यह सर्टिफिकेट जिला अस्पताल या सदर अस्पताल का बना होना अनिवार्य है. निजी अस्पताल का नो-कोरोना प्रमाण पत्र अवैध मना जाएगा.
अग्निवीर बहाली स्थल पर अभ्यार्थियों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. साथ ही सभी संबंधित दस्तावेजों के साथ मास्क, सैनिटाइजर और ग्लब्स भी रखना होगा. जिसके पास भी नहीं होगा उसे बहाली स्थल पर प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. इस दौरान अभ्यार्थियों को शारीरिक दूरी भी बनाए रखना होगा. अग्निवीर बहाली स्थल पर ड्यूटी में तैनात स्टाफ मास्क और ग्लब्स पहने रहेंगे. अभ्यार्थियों के लिए भी यह अनिवार्य है, जिन्हें पारदर्शी हैंड सैनिटाइजर, पारदर्शी पानी की बोतल, पारदर्शी लिफाफे में ही एडमिट कार्ड व फोटो पहचान पत्र लाना अनिवार्य होगा.
अग्नीवीर चार साल के लिए बनेंगे. सेना की नोटिफिकेशन के अनुसार, सेना अधिनियम 1950 के तहत उम्मीदवारों की भर्ती 4 सालों के लिए की जाएगी. इन्हें हर साल 30 दिन की छुट्टी भी मिलेगी. इसके साथ ही मेडिकल सलाह के आधार पर बीमार होने पर भी छुट्टी दी जाएगी. सर्विस के पहले साल 30 हजार, दूसरे साल 33 हजार, तीसरे साल 36500 और चौथे साल 40 हजार रुपए सैलरी मिलेगी. चार साल की सेवा पूरी होने के बाद अग्निवीरों को सेवा निधि पैकेज, सर्टिफिकेट और 12वीं समकक्ष योग्यता का प्रमाणपत्र भी मिलेगा.