5G India Launch: भारत में 5G सर्विस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों लॉन्च कर दी गई. इस सर्विस का इंतजार काफी लम्बे समय से चल रहा तह और अब आखिरकार यह तकनीक आम आदमी तक पहुंचने वाली है. अगर आप भी 5G तकनीक में दिलचस्पी रखते हैं तो इस स्टोरी में हमने इससे जुड़े कुछ सवालों के जवाब देने की कोशिश की है.
अगर 5G टेक्नोलॉजी की बात करें तो इसे सबसे आधुनिक केटेगरी का नेटवर्क माना जा सकता है. पिछले जेनरेशन से अगर इसकी तुलना करें तो कनेक्टिविटी और स्पीड के मामले में काफी ज्यादा बेहतर होगी. आप इसपर कनेक्टिविटी और स्पीड के मामले में ज्यादा भरोसा कर सकते हैं. इसका इस्तेमाल करना यूजर्स को बिलकुल ही नया और आधुनिक एहसास दिलाएगा. 5G की अगर सबसे खास बात यह है कि यह नेटवर्क लॉ फ्रीक्वेंसी से लेकर हाई फ्रीक्वेंसी तक के सभी वेव्स पर बिना किसी परेशानी के काम कर सकता है.
5G लॉन्च होने के बाद से ही हमारे दिमाग में एक सवाल जरूर आया है कि इसकी कीमत क्या होगी? क्या यह 4G से महंगा होगा या इसकी कीमत 4G जितनी ही होगी. अगर इस तरह का कोई भी सवाल आपके दिमाग में आता है तो जान लें 5G की कीमत 4G की तुलना में महंगी जरूर होगी. लेकिन, कितनी महंगी होगी इस बात से फिलहाल पर्दा नहीं उठाया गया है. रिपोर्ट्स की अगर मानें तो 4G की तुलना में 5G की कीमत 25-30 प्रतिशत महंगा हो सकता है.
भारत में 5G लॉन्च होने से अब यूजर्स को ज्यादा तकनीकी सहूलियत मिल सकेगी. 4G नेटवर्क से जहां हमें अधिकतर 150mbps की स्पीड मिलती थी वहीं 5G की वजह से अब हमें 10Gbps तक की डाउनलोड स्पीड मिल सकती है. आप चाहे कितनी भी बड़ी फाइल डाउनलोड कर रहे हों, वह झट से डाउनलोड हो जाएगी. 4G की तुलना में 5G में अपलोड स्पीड भी ज्यादा होगी. 5G में आपको 1Gbps तक की अपलोड स्पीड मिल जाएगी. स्पीड ज्यादा होने की वजह से आप एक ही नेटवर्क से कई डिवाइसेज को कनेक्ट कर सकेंगे.
अब यह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब हम सभी खोज रहे हैं. अगर रिपोर्ट्स की मानें तो सभी कंपनियां देश के 12 शहरों में जल्द इसकी शुरुआत करने वाली है. लेकिन, कितनी भी तेजी से इसपर काम क्यों न किया जाए इसे फिर भी भारत के सभी कोनों में पहुंचने में मार्च 2023 तक का समय आसानी से लग जाएगा. Jio यूजर्स को इस सर्विस का इस्तेमाल करने के लिए दिसंबर 2023 तक का समय लग सकता है.
5G तकनीक की खासियतों में से इसकी खासियत है कि यह उन्हीं रेडियो फ्रीक्वेंसी का इस्तेमाल करेगा, जिन पर मौजूदा मोबाइल डेटा, Wi-Fi और सैटेलाइट संचार चलता आ रहा है. बता दें 5G तकनीक का इस्तेमाल करने के लिए कंपनियां नये टावर नहीं लगाने वाली है.