12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

2000 साल पहले लखनऊ के चौक इलाके में बड़ी काली जी के मंदिर की हुई स्थापना, गुरु शंकराचार्य थे स्‍थापक

यह सुनकर आपको काफी आश्चर्य भी होगा लेकिन मान्यता यही है कि जिस कुएं में मां काली की मूर्ति को छिपाया गया था. जब उस कुएं से मूर्ति निकाली गई तो काली माता की मूर्ति की जगह विष्णु और लक्ष्मी जी मूर्ति निकली जिसके बाद मंदिर में उसी मूर्ति की पूजा अर्चना होने लगी.

Lucknow News: इस मंदिर में मूर्ति प्राण प्रतिष्ठा को लेकर अनेकों तथ्य सुनने को मिलेंगे. लेकिन आज हम आपको एक तथ्य के बारे में बताएंगे जो की काफी रोचक है. लखनऊ के चौक इलाके में बड़ी काली जी का मंदिर जिसकी स्थापना गुरु शंकराचार्य द्वारा 2000 साल पहले की गयी थी. मंदिर की मान्यता है कि जो भक्त 40 दिन मां की आरती में शामिल होते है.उनकी सारी परेशानियां खत्म हो जाती है और यही वजह है कि दूरदराज से भक्त मां भगवती के दर्शन करने के लिए आते हैं.मंदिर का रोचक इतिहासलखनऊ का एक ऐसा मंदिर जिसके बारे में कहा जाता है किन जब मुगलों द्वारा मंदिरों को तोड़ा जा रहा था तब लखनऊ के काली मंदिर में भी मुगल हमला करने वाले थे. जिसके बाद मंदिर के पुजारी ने मां काली की मूर्ति को एक कुएं में डाल दिया था. जिससे कि मुगल मूर्ति को खंडित ना कर सके.उसके बाद उन्ही पुजारी के सपने में आया कि वह मूर्ति कुएं से निकाली जाएं जब लोगों द्वारा मूर्ति को निकाला गया उसका स्वरूप ही अलग मिला.कुुएं में डाली थी काली मां की मूर्ति और निकली विष्णु और लक्ष्मी जी की मूर्ति. यह सुनकर आपको काफी आश्चर्य भी होगा लेकिन मान्यता यही है कि जिस कुएं में मां काली की मूर्ति को छिपाया गया था. जब उस कुएं से मूर्ति निकाली गई तो काली माता की मूर्ति की जगह विष्णु और लक्ष्मी जी मूर्ति निकली जिसके बाद मंदिर में उसी मूर्ति की पूजा अर्चना होने लगी. मां काली के रूप में ही होती है विष्णु लक्ष्मी जी की पूजा मंदिर के पुजारी की माने तो इस मंदिर में विष्णु लक्ष्मी जी की मूर्ति को भी मां काली की ही मूर्ति मानकर पूजा जााता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें