बिहार में एनजीटी के निर्देश के तहत प्रत्येक साल एक जुलाई से 30 सितंबर तक बालू खनन बंद रहता था. और एक अक्टूबर से शुरू हो जाता था. हालांकि इस साल हालात अलग है. एक अक्टूबर बीत चुका है, लेकिन फिलहाल बालू खनन शुरू नहीं होगा. इसके पीछे की वजह यह है कि राज्य में नये सिरे से पांच साल के लिए बालू घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया चल रही है. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बालू घाटों का नया डिस्ट्रिक सर्वे रिपोर्ट (डीएसआर) तैयार की गयी है. सूत्रों के अनुसार 35 जिलों के लिए नये बने डीएसआर के अनुसार करीब 900 बालू घाटों की बंदोबस्ती प्रक्रिया इसी महीने (अक्टूबर) पूरी होगी. इसके बाद ही बालू खनन शुरू किया जा सकता है.
बिहार में अब नए प्रावधान के साथ बालू घाटों की नीलामी होगी. नए बालू घाटों की अगले पांच सालों के लिए जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट के आधार पर ई-नीलामी से बंदोबस्ती होगी. बालू की कीमत जिलों में बाजार से तय होगी. आपात स्थिति में बालू की कीमत को नियंत्रित करने का अधिकार जिला प्रशासन के पास रहेगा. छले दिनों सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर राज्य सरकार ने सभी जिलों की जिला सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार की. इसमें वहां बालू घाट, बालू की खनन योग्य मात्रा आदि की विस्तृत जानकारी है
राज्य में इस दौरान बालू घाटों की नीलामी का दौर चल रहा है. इसके के लिए जिलाधिकारी के नेतृत्व में बालूघाटों की नीलामी की प्रक्रिया शुरू की गई है. प्रदेश के सभी बालू घाट बालू घाटों की E नीलामी होगी. इस प्रक्रिया में दो से तीन महीने का समय लग सकता है. बतादें कि NGT के प्रावधान के तहत प्रदेश में जुलाई से सितंबर माह तक बालू खनन पर रोक लगी होती है. बिहार में बालू खनन शुरू होने से बालू की कीमतों में गिरावट होने की संभावना है. घर निर्माण करा रहे लोगों को राहत मिल सकती है.