पटना, राजदेव पांडेय: छठे चरण के लिए माध्यमिक और उच्च माध्यमिक (प्लस-टू) स्कूलों में नियोजन की प्रक्रिया तीन साल से चल रही है. पर, दूसरा चक्र पूरा होने के बाद भी सीटें खाली हैं. खाली सीटों के लिए दोबारा मेरिट लिस्ट भी बनी, लेकिन या तो योग्य अभ्यर्थी नहीं मिले या चयनित अभ्यर्थियों में से अधिकतर नियुक्ति पत्र लेने नहीं आ रहे हैं.
दूसरे चक्र के लिए 21 सितंबर को काउंसेलिंग हुई थी. 28 सितंबर को नियुक्ति पत्र बांटने का शेड्यूल था. लेकिन, सिर्फ 16 अभ्यर्थियों ने ही नियुक्ति पत्र लिये. मालूम हो कि 32714 रिक्त पदों के लिए छठे चरण में आवेदन मांगे गये थे. छठे चरण के दूसरे चक्र की काउंसेलिंग के बाद भी प्लस टू स्कूलों में करीब 30 हजार से अधिक पद खाली रह गये हैं. 2716 चयनित शिक्षकों नियुक्त हो चुके हैं. शिक्षा विभाग मान रहा है कि चयन के बावजूद नियुक्ति पत्र न लेने की वजह यह है कि ऐसे अभ्यर्थियों की नौकरी कहीं और हो चुकी है.
सूत्रों के मुताबिक माध्यमिक शिक्षक नियोजन के दूसरे चक्र में मुजफ्फरपुर जिला परिषद, जहानाबाद, लखीसराय, मधुबनी, नवादा, पूर्णिया, समस्तीपुर, सीवान जिला परिषद में एक भी अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र लेने नहीं आये. इसी तरह पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, बेगूसराय, गया, शेखपुरा, किशनगंज, मधेपुरा, शिवहर, खगड़िया और भागलपुर जिले की कुछ अन्य नियोजन इकाइयों में एक भी नियुक्ति पत्र विभिन्न कारणों से नहीं बांटे जा सके.
बक्सर जिला परिषद में सामाजिक विज्ञान विषय में दो, सहरसा जिला परिषद, सुपौल और जमुई जिला परिषद में एक-एक और औरंगाबाद जिला परिषद में गणित के दो शिक्षक मिले. इसके अलावा एक अन्य नियोजन इकाई में माध्यमिक स्कूल के एक ही शिक्षक मिला. दूसरी तरफ उच्च माध्यमिक शिक्षक नियोजन में मुजफ्फरपुर जिला परिषद में गृह विज्ञान और गोपालगंज जिला परिषद में एक-एक शिक्षक मिला है. शेष सभी जिला परिषदों में एक भी अभ्यर्थी नियुक्ति पत्र लेने नहीं आया.