CM Kanya Utthan Yojana: पिछले कुछ सालों में कई प्रमुख बैंकों के विलय के कारण हजारों छात्राओं को परेशानी झेलनी पड़ रही है. मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना के लिए छात्राओं ने बैंक अकाउंट के साथ आवेदन किया है. अब जांच के दौरान विलय के कारण आइएफएससी कोड मैच नहीं कर रहा है. विश्वविद्यालय स्तर से उनका आवेदन रिजेक्ट कर पेंडिंग में डाल दिया जा रहा है. इसके अलावा सैकड़ों आवेदन डॉक्युमेंट की गड़बड़ी के कारण भी निरस्त कर दिये जा रहे हैं. डीएसडब्ल्यू डॉ अभय कुमार सिंह ने बताया कि रोज सैकड़ों की संख्या में आवेदन गलत डॉक्युमेंट या कोई डॉक्युमेंट नहीं होने के कारण निरस्त किये जा रहे हैं. सबसे अधिक मामला आइएफएससी कोड या अकाउंट नंबर गलत होने का आ रहा है. इसके अलावा छात्राओं ने आवास प्रमाण पत्र भी अपलोड नहीं किया है. वहीं, ओरिजनल मार्कशीट के बजाय आवेदन के साथ इंटरनेट से मार्कशीट की कॉपी डाउनलोड कर अपलोड कर दिया है. डीएसडब्ल्यू ने बताया कि ऐसी छात्राओं को आवेदन में सुधार के लिए दुबारा मौका दिया जायेगा.
कन्या उत्थान योजना के लिए आवेदनों की जांच जिलेवार हो रही है. विश्वविद्यालय स्तर पर जारी दूसरी सूची के अनुसार अभी वैशाली जिले के कॉलेजों से संबंधित छात्राओं के आवेदन की जांच चल रही है. पांच अक्तूबर तक वैशाली की जांच पूरी करने के लिए टाइमलाइन निर्धारित किया गया है. मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण व सीतामढ़ी के कॉलेजों से संबंधित छात्राओं की जांच पूरी हो चुकी है. विवि की ओर से अब तीसरी सूची पांच अक्तूबर को जारी करने का समय दिया गया है.
कन्या उत्थान योजना के लिए आवेदन करने के बाद छात्राएं परेशान होकर रोज विश्वविद्यालय पहुंच रही हैं. डीएसडब्ल्यू कार्यालय में सुबह से शाम तक भीड़ लगी रहती है. वहीं, विवि कैंपस में दलाल भी सक्रिय हो गये हैं, जो दूसरे जिलों से आने वाली छात्राओं को जल्दी योजना का पैसे दिलाने का झांसा देकर ठगने की कोशिश करते हैं. हालांकि छात्राओं व अभिभावकों को दलालों से बचाने के लिए डीएसडब्ल्यू कार्यालय के बाहर नोटिस भी चिपकाया गया है. परेशानी से बचने के लिए आइएफएससी कोड की जानकारी लेकर फार्म भरें.