भागलपुर, सबौर: नौकरी देने की दिशा में हमारी सरकार तत्पर है. नौकरी देने की प्रक्रिया को पूरा करनेवाली हमारे यहां जो एजेंसियां हैं, उनकी क्षमता कम है. क्षमता बढ़ाने पर काम किया जा रहा है. उक्त बाते बिहार कृषि विश्वविद्यालय के मुख्य सभागार में गुरुवार को 24वीं शोध परिषद रबी की दो दिवसीय बैठक के बतौर मुख्य अतिथि कृषि मंत्री बिहार सरकार सुधाकर सिंह ने अपने संबोधन में कही.
कृषि मंत्री ने कहा कि सरकारी नौकरी कुल आबादी की अपेक्षा में उसका महज 2 प्रतिशत है. विश्वविद्यालय विश्व के ज्ञान का केंद्र है. कृषि मंत्री ने कहा कि हम और कॉलेज बनाएंगे. कौशल विकास सेंटर खोलेंगे ताकि लोग ज्ञान अर्जित कर रोजगार का सृजन कर पायें. इसके लिए हम पूरा सिस्टम बदलेंगे
कृषि मंत्री सुधाकर सिंह ने कहा बिहार की मिट्टी अच्छी है. उन्नत बीज से 10 प्रतिशत ज्यादा उत्पादन हो रहा है. बिहार कृषि विश्वविद्यालय उन्नत बीज उत्पादन की दिशा में बेहतर काम कर रहा है. किसानों की बेहतरी के लिए हम बिहार कृषि विश्वविद्यालय के साथ मिलकर काम करेंगे. हमारे विभाग में जो गड़बड़ियां है उसे दूर किया जाएगा. वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर खुलने का जो विश्वविद्यालय का प्रस्ताव है, उस पर भी विचार किया जायेगा. कृषि मंत्री ने कहा कि जो मशीन इंसान को रिप्लेस करे हमें ऐसे कृषि यंत्रों की जरूरत नहीं है. टूल्स को हम कौशल विकास के लिए प्रयोग करेंगे.
शोध परिषद की बैठक के दौरान सबौर चना 3, सबौर लहसुन-2 , मसूर की प्रजाति पूसा अगेती, मक्का में फाल आर्मी वार्म प्रबंधन और शुष्क पुष्प उत्पादों का तकनीक अनुमोदन का प्रस्ताव पर राज्य के कृषि मंत्री सहित विशेषज्ञों वह बैठक में उपस्थित वैज्ञानिकों और प्रगतिशील किसानों द्वारा विचार मंथन के बाद उसे अनुमोदित किया गया. बैठक की अध्यक्षता बीएयू के कुलपति डॉ. अरुण कुमार ने की. इसके पूर्व बैठक का दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ बतौर मुख्य अतिथि राज्य के कृषि मंत्री सुधाकर सिंह, विशिष्ट अतिथि डॉ राजेंद्र प्रसाद- केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के निदेशक अनुसंधान, डॉ. पीएस ब्रह्मानंद- वरीय खाद्यान्न फसल प्रणाली विशेषज्ञ, डॉ रवि गोपाल, बीएयू के कुलपति डॉ अरुण कुमार सहित प्रगतिशील किसानों ने किया. मोटे अनाज पर रचित पुस्तक का विमोचन किया गया.