PFI Banned: पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए सरकार ने भारत में इस संगठन को पांच साल के लिए प्रतिबंधित करने का फैसला लिया है. पीएफआई पर आईएसआईएस जैसे वैश्विक आतंकी संगठन के साथ संबंध होने का आरोप लगा है. वहीं, पीएफआई की राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया ने संगठन पर प्रतिबंध लगाए जाने की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि यह देश में बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लगाए गए अघोषित आपातकाल का हिस्सा था.
इन सबके बीच, कई राजनेताओं और सियासी दलों ने पीएफआई पर प्रतिबंध को एक सही निर्णय करार दिया है. वहीं, कई विपक्षी नेताओं ने पीएफआई की तरह आरएसएस पर भी समान प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है. आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि आरएसएस एक हिंदू चरमपंथी संगठन है. उन्होंने कहा कि पीएफआई का जांच हो रही है और इसकी तरह जितने भी संगठन हैं आरएसएस समेत उन सब पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि मुस्लिम संगठनों को निशाना बनाया जा रहा है. लालू ने कहा कि देश में अक्लियत लोगों को हिंदू-मुस्लिम करके तोड़ने की कोशिश जारी है.
वहीं, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि पीएफआई जैसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाना समाधान नहीं है, बल्कि बेहतर यह होता कि उन्हें राजनीतिक रूप से अलग-थलग कर उनकी आपराधिक गतिविधियों के खिलाफ सख्त प्रशासनिक कार्रवाई की जाती. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पर उनकी पार्टी के नेतृत्व वाले एलडीएफ द्वारा शासित केरल पर आतंकवाद का केंद्र होने का आरोप लगाने के लिए पलटवार करते हुए येचुरी ने कहा कि वे आरएसएस को प्रतिशोध की हत्याओं को रोकने के लिए कहें और राज्य प्रशासन को कार्रवाई करने की अनुमति दें.
केरल में विपक्ष में कांग्रेस के साथ इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) ने प्रतिबंध का स्वागत किया. हालांकि, कहा कि आरएसएस को भी इसी तरह से गैरकानूनी घोषित किया जाना चाहिए. पीएफआई की गतिविधियों की कड़ी निंदा करते हुए आईयूएमएल के वरिष्ठ नेता एमके मुनीर ने कहा कि कट्टरपंथी संगठन ने कुरान की गलत व्याख्या की और समुदाय के सदस्यों को हिंसा का रास्ता अपनाने के लिए राजी किया. उन्होंने कोझीकोड में कहा कि पीएफआई ने न केवल युवा पीढ़ी को गुमराह करने की कोशिश की, बल्कि समाज में विभाजन और नफरत पैदा करने की भी कोशिश की. राज्य के सभी इस्लामी विद्वानों ने चरमपंथी विचारधाराओं की कड़ी निंदा की है.
इधर, कांग्रेस ने कहा कि वह उन सभी विचारधाराओं और संस्थानों के खिलाफ है, जो समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए धर्म का दुरुपयोग करते हैं तथा नफरत, कट्टरता एवं हिंसा फैलाने के लिए इसका दुरुपयोग करते हैं. अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव संचार जयराम रमेश ने कहा, कांग्रेस हमेशा से सांप्रदायिकता के खिलाफ रही है. बहुमत या अल्पसंख्यक कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने एक बयान में कहा, कांग्रेस की नीति हमेशा उन सभी विचारधाराओं और संस्थानों से लड़ने की रही है जो हमारे समाज का ध्रुवीकरण करने के लिए धर्म का दुरुपयोग करते हैं, जो धर्म का दुरुपयोग पूर्वाग्रह, नफरत, कट्टरता और हिंसा फैलाने के लिए करते हैं.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने हिंदी में ट्वीट करते हुए कहा, पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और इससे जुड़े संगठनों पर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में लिप्त होने पर लगाया गया प्रतिबंध प्रशंसनीय और स्वागत योग्य है. उन्होंने कहा, यह नया भारत है जहां देश की एकता और अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करने वाले आतंकवादी, अपराधी और व्यक्ति स्वीकार्य नहीं हैं.
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि उन्होंने हमेशा पीएफआई के दृष्टिकोण का विरोध किया, लेकिन संगठन पर प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है. ओवैसी ने सिलसिलेवार ट्वीट में कहा, हालांकि मैंने हमेशा पीएफआई के दृष्टिकोण का विरोध किया है और लोकतांत्रिक दृष्टिकोण का समर्थन किया है, लेकिन पीएफआई पर इस प्रतिबंध का समर्थन नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस तरह का कठोर प्रतिबंध खतरनाक है, क्योंकि यह किसी भी मुसलमान पर प्रतिबंध है जो अपने मन की बात कहना चाहता है.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि पीएफआई समाज में हिंसा के बीज बो रहा था. फडणवीस ने कहा, अफवाह फैलाना, धन जुटाना और हिंसा भड़काना उनका उद्देश्य था. उत्तर पूर्वी राज्य में एक मस्जिद को गिराए जाने का एक नकली वीडियो हिंसा भड़काने के इरादे से प्रसारित किया गया था. अमरावती में ऐसी घटना हम पहले भी देख चुके हैं. बाद में पता चला कि वीडियो बांग्लादेश का है. फडणवीस ने कहा कि केरल पहला राज्य है जिसने पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि बाद में देश के अन्य राज्यों ने भी इसी तरह की मांग की थी.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि पीएफआई सिमी का अवतार है. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री शाह को सही निर्णय लेने का श्रेय दिया. कहा कि लंबे समय से यह इस देश के लोगों द्वारा, विपक्षी भाकपा, माकपा और कांग्रेस सहित सभी राजनीतिक दलों द्वारा मांग की गई है. पीएफआई सिमी और केएफडी का अवतार है. वे राष्ट्र विरोधी गतिविधियों और हिंसा में शामिल थे.
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