शिमला : हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बुधवार को गृह मंत्रालय द्वारा पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) समेत पांच दूसरे संगठनों पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाए जाने का स्वागत किया है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि न्यू इंडिया में आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है. उन्होंने कहा कि देश विरोधी गतिविधियों में संलिप्त पीएफआई पर प्रतिबंध लगाने के केंद्र सरकार के फैसले का मैं स्वागत करता हूं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मजबूत नेतृत्व में आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाया जा रहा है. यह नया भारत है, यहां आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं होगी.
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंगलवार को गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम 1967 के तहत पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगियों या सहयोगी मोर्चों को पांच साल के लिए तत्काल प्रभाव से एक गैर-कानूनी संगठन घोषित किया था. सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना में कहा गया है कि पीएफआई और उसके सहयोगी या सहयोगी मोर्चे खुले तौर पर एक सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक और राजनीतिक संगठन के रूप में काम करते हैं, लेकिन वे लोकतंत्र की अवधारणा को कम करने की दिशा में काम कर रहे समाज के एक विशेष वर्ग को कट्टरपंथी बनाने के लिए एक गुप्त एजेंडे का अनुसरण कर रहे हैं और संवैधानिक प्राधिकरण और देश का संवैधानिक ढांचा के प्रति सरासर अनादर दिखाते हैं.
सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि पीएफआई और उसके सहयोगी सहयोगी मोर्चे गैर-कानूनी गतिविधियों में लिप्त हैं, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए खतरनाक हैं और देश की सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने और आतंकवाद का समर्थन करने की क्षमता रखते हैं. पीएफआई के साथ-साथ इसके मोर्चों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है, जिसमें रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ), कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल वुमन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन आदि शामिल हैं. जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन केरल में एक गैर-कानूनी संगठन घोषित किए जा चुके हैं.
बता दें कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और राज्य पुलिस बलों ने संयुक्त रूप से भारत भर में पीएफआई नेताओं और सदस्यों के घरों और कार्यालयों पर तलाशी अभियान चलाया था. भारत के 15 राज्यों में 93 ठिकानों पर तलाशी ली गई, जहां पीएफआई के 100 से अधिक कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया. असम पुलिस ने मंगलवार को राज्य के आठ जिलों के 25 पीएफआई नेताओं, सदस्यों को गिरफ्तार किया.
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असम पुलिस के एडीजीपी (विशेष शाखा) हिरेन नाथ ने मीडिया को बताया कि विभिन्न जिलों में पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लिया है. इस बीच, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने पीएम मोदी के नेतृत्व में केंद्र के फैसले को निर्णायक और साहसिक. बताया. उन्होंने कहा कि सरकार भारत के खिलाफ विभाजनकारी या विघटनकारी डिजाइन वाले किसी भी व्यक्ति के साथ मजबूती से निपटेगी.