VTR के हरनाटांड़ में लोगों पर हमला करने वाले बाघ की रेस्क्यू के लिए पटना-हैदराबाद से पहुंचे अधिकारियों व एक्सपर्ट शूटरों की टीमों को 48 घंटा से अधिक समय पूरा होने को है लेकिन अभी तक बाघ रेस्क्यू से बाहर है. बाघ की रेस्क्यू की सूचना नहीं मिलने से आधा दर्जन से अधिक गांवों की चिंता अपनी फसलों को लेकर सताने लगी है. एक्सपर्ट टीम का भी रेस्क्यू ऑपरेशन असफल दिखने को मिल रहा है. तीन दिनों में बाघ ने रेस्क्यू के लिए आई अधिकारियों व एक्सपर्ट रेस्क्यू टीम को तीन पंचायतों का दर्जनों गांवों का भ्रमण करा चुका है. लेकिन बाघ रेस्क्यू से बाहर होकर बेफ्रिक जंगल के समीप सरेहों में चहलकदमी कर अपनी पगमार्ग का छाप छोड़ अधिकारियों को लालचा रहा है तथा उनकी बेचैनी बढ़ा रहा है. ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बाघ अधिकारियों के सोच को मात देते हुए अपनी चालाकी से उन्हें भ्रमित कर रहा है.
हमला करने वाला बाघ वन प्रमंडल दो के हरनाटांड़ वन क्षेत्र बैरिया काला व बरवा काला गांव के सरेहों में दो लोगों को मौत के घाट उतारने के बाद चिउटाहा वन क्षेत्र के जिमरी नौतनवा में सूअर-बकरी को हमला करते हुए मौजूद अधिकारियों व एक्सपर्ट के टीमों के आंखों में धूल झोकते हुए वन प्रमंडल एक के रघिया के बॉर्डर के समीप कदमहवा पंचायत के हरिहरपुर गांव के सरेह में चहलकदमी शुरू कर दिया है. जहां से रघिया का वन क्षेत्र करीब पांच किलोमीटर के दूरी पर है.
वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक नेशामणी के ने बताया कि हमला करने वाला बाघ का मूवमेंट कब कहां हो सकता है इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं हो सकता है. क्योंकि बाघ एक रात में 40 किलोमीटर दूरी का सफर तय कर सकता है. इसकी चाल से यह स्पष्ट होता है कि अगर बाघ फिर पीछे की तरफ मुड़ा तो हरनाटांड़ भी आ सकता है और आगे की तरफ बढ़ा तो वन प्रमंडल एक के रघिया, मंगुराहा, गोबर्धना वन क्षेत्रों में भी चहलकदमी कर सकता है. इसी के वजह से लोगों में डर का माहौल बना हुआ है. बाघ रह रह कर अपना ठिकाना बदल रहा है. बाघ का मूवमेंट चिउटाहा वन क्षेत्र के कदमहवा पंचायत के हरिहरपुर गांव के समीप सरेहों में पाई गई है. जिसको रेस्क्यू के लिए आई हैदराबाद-पटना के अधिकारियों के नेतृत्व में एक्सपर्ट के टीमों के साथ तीन दिनों से चौबीस घंटा रेस्क्यू ऑपरेशन चल रही है. वनवर्ती गांवों से अपील है की वह डरे नहीं सतर्कता बरतें.