PFI Ban in Bihar: केंद्र सरकार ने पीएफआई पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया है. संस्था पर प्रतिंबध लागू किये जाने की घोषणा के बाद से बिहार में नवरात्रि के इस पावन मौके पर भी सियासी बहसबाजी शुरू हो गयी है. राजद-जदयू और बीजेपी एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं. अब इस मामले को लेकर जदयू के पूर्व विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि अगर पीएफआई जैसे संस्था पर बैन लगाया गया है, तो आरएसएस पर बैन क्यों नहीं लगाना चाहिए ?
जदयू नेता गुलाम रसूल बलियावी ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएफआई पर किस आधार पर प्रतिबंध लगाया गया है. बिहार समेत देश की जनता और वे भी इस बात को जानना चाहते हैं. उन्होंने सवालिया लहजे में कहा कि पीएफआई पर विदेशों से फंडिग का आरोप है. तो वे और देश की जनता जानना चाहते हैं कि किन-किन देशों से संस्था को फंडिग मिलती थी.
जदयू नेता ने आगे कहा कि पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया गया है लेकिन किस आधार पर लगाया गया है. इसका पूरा स्पष्टीकरण सरकार ने नहीं दिया है. जदयू नेता ने कहा कि इसके अलावे वे ये भी जानना चाहते हैं कि इस संस्था से जुड़े लोगों ने किस-किस तरह के काम किये हैं. वे कैसे देशविरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. सरकार को इस बात की जानकारी लोगों को देनी चाहिए.
गुलाम रसूल बलियावी ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह का नाम लिये बगैर ही उनपर इशारे ही इशारे में हमला किया. उन्होंने कहा कि जो लोग आज पीएफआई जैसे संस्था पर बैन लगाने के बाद जश्न मना रहे हैं. जनता उनसे पाई-पाई का हिसाब लेगी. जदयू नेता ने कहा कि केंद्र सरकार ने रेल, हवाई जहाज और कई सरकारी उपक्रमों को बेचने का काम किया है. देश की जनता 2024 के लोकसभा चुनाव में ऐसे लोगों को सत्ता से नीचे उतार देगी. गुलाम रसूल बलियावी ने PFI बैन को गलत करार दिया.
बता दें कि केंद्र सरकार ने PFI पर पांच साल के लिए प्रतिबंध लगाया है. कई राज्य सरकार ने इस संगठन को बैन करने की गुजारिश की थी. जिसके बाद हाल के दिनों में NIA ने कई राज्यों में एक साथ छापेमारी की थी. इस दौरान दर्जनों लोगों की गिरफ्तारियां भी हुई थी. गृह मंत्रालय ने आज बुधवार को पीएफआई और उसके 9 सहयोगी संगठनों को बैन किया है.
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