पटना से रोड ट्रिप पर जाने के लिए पावापुरी एक बेहतरीन जगह है. पटना से लगभग 101 किमी दूर पावापुरी जैनियों के लिए एक पवित्र स्थान है क्योंकि यहां 500 ईसा पूर्व में भगवान महावीर का अंतिम संस्कार किया गया था. यह बिहार राज्य के नालंदा जिले में स्थित है. पावापुरी 2600 साल पहले महाजनपद की जुड़वां राजधानियों में से एक थी. बाद में इसे मगध साम्राज्य में शामिल कर लिया गया और इसे मद्यमा पावा या अपवापुरी के नाम से जाना जाने लगा. जब भगवान महावीर इस स्थान पर रहते थे, यह मगध के राजा अजातशत्रु के शासन में था, जो भगवान महावीर के एक महान शिष्य भी थे और हस्तीपाल पावापुरी के राजा थे.
पटना से दूरी: 101 किमी
अवश्य जाएं : जल मंदिर
गया दुनिया भर में हिंदूओं और बौद्ध धर्म के लोगों के लिए एक पवित्र स्थान के रूप में जाना जाता है, गया संस्कृतियों और पारंपरिक प्रथाओं को एक साथ संजोए हुए है. विष्णुपद मंदिर की वजह से यह हिंदू तीर्थयात्रियों के लिए महत्वपूर्ण है लोग यहां पिंड चढ़ाने के आते हैं. गया शहर बोधगया के पास होने के कारण भी लोकप्रिय है. माना जाता है बोधगया वही स्थान है जहां भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया था. मंदिरों से लेकर गुफाओं और आध्यात्मिक केंद्रों की वजह से यह शहर पुरानी दुनिया के आकर्षण और नए जमाने की आध्यात्मिक प्रथाओं का मिश्रण है.
पटना से दूरी: 120 किमी
अवश्य जाएं : महाबोधि मंदिर, विशालकाय बुद्ध, डूंगेश्वरी मंदिर
बौद्ध और जैन धर्म के बारे में ज्ञान प्राप्ति के लिए राजगीर एक अपरिहार्य स्थान है. बेहतरीन इतिहास के साथ साथ यहां का नया और पुराना आर्किटेक्चर देखने लायक है. कभी राजघरानों का रहा यह शहर आज के फोटोग्राफरों और इतिहास प्रेमियों के लिए स्वर्ग है. यहां आप अद्वितीय साइक्लोपियन दीवारों को भी देख सकते हैं जो लगभग 40 किमी लंबी हैं और मौर्य काल के दौरान बनाई गई थीं.
पटना से दूरी: 95 किमी
अवश्य जाएं : विश्व शांति स्तूप, अजातशत्रु किला
पटना के पास वैशाली एक छोटा स ऐतिहासिक शहर है जिसे विश्व का पहला गणराज्य भी माना जाता है. भगवान महावीर की जन्मस्थली वैशाली का नाम महाभारत के अनुसार इसके पूर्व शासक विशाल के नाम पर पड़ा है. जैनियों के लिए यह एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है और यहां साल भर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान बुद्ध ने अपना अंतिम उपदेश दिया था और अपने जीवन का काफी समय यहां बिताया था. जिससे बौद्ध तीर्थयात्रियों के लिए भी यह एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया.
पटना से दूरी: 3 किमी
अवश्य जाएं: अशोक स्तंभ, रामचौरा मंदिर
मधुबनी जिला अपनी पेंटिंग, कताई और बुनाई की कला के लिए दुनिया भर में जाना जाता है. लेकिन मधुबनी सिर्फ कला के लिए ह प्रसिद्ध नहीं है. बल्कि इसका समृद्ध इतिहास और पुरातात्विक महत्व भी कई पर्यटकों को आकर्षित करता है. यहां पहुंचे पर्यटकों को उन कला कोनों का दौरा करना चाहिए जहां महिलाएं आश्चर्यजनक उत्कृष्ट कृतियों को बनाते हुए मई जाती हैं.
पटना से दूरी: 170 किमी
अवश्य जाएं: कपिलेश्वर मंदिर, सोमनाथ महादेव मंदिर