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जमुई के जंगलों से बच निकला हार्डकोर नक्सली सुनील मरांडी, सुरक्षा बलों को मिले महज कुछ हथियार

सूचना मिली थी कि पूर्वी बिहार और पूर्वोत्तर झारखंड के भाकपा माओवादी संगठन के हार्डकोर उग्रवादी सुनील मरांडी अपने कुछ साथियों के साथ कथावर के जंगल में बैठक कर रहा है. शायद इलाके में किसी नक्सल घटना को अंजाम देने की फिराक में है.

जमुई. पुलिस अधीक्षक डॉ शौर्य सुमन और एसएसबी 16वीं वाहिनी के प्रभारी कमाडेंट सतीश कुमार के निर्देश पर बीते सोमवार की रात्रि चरकापत्थर थाना क्षेत्र के सीमावर्ती टोला पहाड़ अंतर्गत कथावर के पहाड़ी जंगल इलाके में एसएसबी और पुलिस ने नक्सालियों के विरुद्ध संयुक्त अभियान चलाया. इसमें जंगल स्थित पहाड़ से नक्सालियों के दो देसी राइफल (मास्केट), दो देसी कट्टा और तीन कारतूस बरामद किया गया.

सुनील मरांडी के कथावर के जंगल में होनेकी थी सूचना

दरअसल एसपी जमुई और एसएसबी के प्रभारी कमाडेंट को सूचना मिली थी कि पूर्वी बिहार और पूर्वोत्तर झारखंड के भाकपा माओवादी संगठन के हार्डकोर उग्रवादी सुनील मरांडी अपने कुछ साथियों के साथ कथावर के जंगल में बैठक कर रहा है. शायद इलाके में किसी नक्सल घटना को अंजाम देने की फिराक में है. सूचना मिलते ही अपर पुलिस अधीक्षक (अभियान) जमुई ओंकार नाथ सिंह के नेतृत्व में चरकापत्थर स्थित एसएसबी 16 वीं वाहिनी सी समवाय के कंपनी कमांडर आशीष वैष्णव और चरकापत्थर थानाध्यक्ष जितेंद्र कुमार एसएसबी जवानों व पुलिस बल के साथ रात्रि में ही चरकापत्थर थाना क्षेत्र के सीमावर्ती कथावर के पहाड़ व जंगल क्षेत्र में सर्च अभियान शुरू कर दिया गया.

खराब मौसम से सर्च ऑपरेशन में हो रही परेशानी

रात्रि और खराब मौसम में हो रही परेशानी के बावजूद जवानों व पुलिस बल ने अभियान जारी रखा. हालांकि नक्सलियों को पुलिस कार्रवाई की आहट मिल गई थी लिहाजा वे सभी जंगल में फरार हो गए. इधर सर्च टीम जल्द ही पहाड़ के उस जगह पर पहुंच गई थी जहां नक्सलियों ने बैठक किया था. उक्त जगह पर बिखरे उपयोग हुए सत्तू के पैकेट और अन्य बिखरे सामग्री देख यह स्पष्ट हो गया था कि कुछ देर पहले यहां नक्सलियों का जमावड़ा था. जल्दबाजी में भागने के क्रम में नक्सली के कई हथियार वहां छूट गए.

नक्सलियों के मंसूबे पूरे नहीं होने दिए जाएंगे

उक्त जगह से इधर उधर पड़े दो देसी राइफल व दो देसी कट्टा के अलावे तीन कारतूस भी बरामद किए गए. मंगलवार को प्रेस कांन्फ्रेंस करते एसपी अभियान ने बताया कि इलाके से नक्सलियों के मंसूबे पूरे नहीं होने दिए जाएंगे. उन्होंने बताया कि इस अभियान में एसएसबी चरकापत्थर व चरकापत्थर थाना की पुलिस के अलावे तकनीकी व नक्सल सेल जमुई की भी भागीदारी रही है.

बिखरने के बाद संगठन की मजबूती का किया जा रहा है प्रयास

चरकापत्थर के लंबे पहाड़ी व जंगली क्षेत्र में दो दशक तक राज करने के बाद बीते कुछ वर्षों से पूरी तरह बैकफुट पर आए उग्रवादी एक बार पुनः इस क्षेत्र में संगठन की मजबूती के प्रयास में लगा है. बड़े कमांडरों के मारे जाने, गिरफ्तार होने और सरेंडर होने से नक्सलियों का यह गढ़ वीरान सा हो गया है. नक्सलियों को बड़ी क्षति देने में जमुई पुलिस के साथ एसएसबी और सीआरपीएफ का बड़ा योगदान रहा है.

इलाके में वर्चस्व स्थापित करने के लिए प्रयासरत

अब एक बार पुनः नक्सलियों द्वारा इस इलाके में वर्चस्व स्थापित करने के लिए प्रयासरत है. सुरक्षाबलों की मानें तो टोला पहाड़ के कथावर निवासी उग्रवादी सुनील मरांडी को इसकी जिम्मेदारी दी गई है. बड़ी जिम्मेदारी मिलते ही सुनील मरांडी इस इलाके में सक्रिय हो गया है. हालांकि ख़ुफ़िया तंत्र को इसकी भनक लग चुकी है और लगातार सर्च ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों के मंसूबे पर पानी फेरा जा रहा है.

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