Muzaffarpur में अब घरेलू हिंसा और प्रताड़ना की शिकार महिलाओं को इधर-उधर न्याय के लिए नहीं भटकना पड़ेगा. एक ही छत के नीचे उनकी सभी समस्याओं का समाधान किया जायेगा. इसके लिए सदर अस्पताल में वन स्टॉप सेंटर भवन बनाया गया है. महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय की ओर से सात करोड़ रुपये की लागत से यह भवन बनवाया गया है. अगले माह से इस भवन में काम शुरू हो जायेगा. यहां घरेलू हिंसा और प्रताड़ना की शिकार महिलाओं को रहने, खाने व चिकित्सा सुविधा के साथ ही न्याय भी मिलेगा. जिला स्वास्थ समिति के बगल में इस भवन का निर्माण कराया गया है. सदर अस्पताल में बन रहे इस वन स्टॉप सेंटर में घरेलू हिंसा, प्रताड़ना व अन्य किसी भी प्रकार की महिलाओं की समस्या का निदान किया जायेगा. इसमें तीन काउंसलर, एक प्रबंधक समेत कई कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जायेगी. आमतौर पर हिंसा पीड़ित महिलाओं के मन में यह भय रहता है कि कौन उसकी मदद करेगा.
पीड़ित महिलाएं कानूनी कार्रवाई के दौरान होने वाले खर्च को वहन करती हैं. पीड़ित महिलाओं-किशोरियों को पुलिस व चिकित्सीय परामर्श, कानूनी सहायता के लिए भटकना भी पड़ता है. इससे उन्हें काफी परेशानी होती है. इन सभी दुविधा के समाधान के लिए ही वन स्टॉप सेंटर बनाया गया है. महिलाओं की सुविधा के लिहाज से इन सेंटर्स में स्टाफ के तौर पर महिलाएं ही नियुक्त होंगी.
पीड़ित महिलाओं को सभी प्रकार की सुविधाएं एक ही छत के नीचे मिलेंगी. इन सुविधाओं में मेडिकल के साथ पुलिस व कानूनी सुविधा भी शामिल है. सेंटर में हेल्पलाइन के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग की सुविधा भी उपलब्ध होगी. यदि महिला चाहेगी, तो अदालत जाने के बजाय वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अपना बयान दर्ज करा पायेगी. यहां महिलाओं के लिए 24 घंटे हेल्पलाइन सेवा भी रहेगी.
रिपोर्ट: कुमार दीपू