Muzaffarpur में केएमएस (की मैनेजमेंट सिस्टम) के काम नहीं करने से जिले भर के 30 हजार से अधिक स्मार्ट कार्ड जिला परिवहन कार्यालय में अटके हैं. इससे लाभार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पुलिस बिना लाइसेंस या आरसी का मान कर चालान काट रही है. इससे बचने के लिए लोग लगातार डीटीओ कार्यालय का चक्कर काटने को विवश हैं. लेकिन, इसका कोई निदान नहीं हो सका है.
मई महीने से स्मार्ट कार्ड की प्रिंटिंग तो हो रही है, लेकिन केएमएस की प्रक्रिया नहीं होने से उसे लाभार्थी को भेजने के लिए डाक विभाग को स्मार्ट कार्ड नहीं भेजा जा रहा है. जबतक स्मार्ट कार्ड का केएमएस पूरा नहीं होगा, उसे डिस्पैच नहीं किया जा सकता है. कार्ड प्रिंट होने के बाद उस पर लगे चिप में लाभार्थी का गोपनीय डाटा फीड किया जाता है. इसे एक साफ्टवेयर के माध्यम से केएमएस किया जाता है. ऐसा करने से उक्त गोपनीय डाटा आम तरीके से लीक नहीं होता है. डाटा को लीक होने से बचाने को केएमएस की प्रक्रिया की जाती है.
डीटीओ सुशील कुमार ने बताया कि साफ्टवेयर में गड़बड़ी आ गयी है. इससे मुख्यालय को अवगत कराया गया है. लाभार्थी को परेशानी हो रही है. शिकायत भी मिलती है. दो दिन पहले इंजीनियरों की टीम आयी थी, लेकिन गड़बड़ी नहीं मिल सकी. बुधवार को भी पटना से इंजीनियरों की टीम पुन: आयेगी, जो गड़बड़ी को खोजेगी और उसे दुरुस्त करेगी.
दूसरी ओर, लर्निंग लाइसेंस में हुई गड़बड़ियों को भी दुरुस्त करने का ऑनलाइन प्रावधान है. लेकिन, इन दिनों डीटीओ कार्यालय से एप्रूवल नहीं होने से कई मामले अटक गये हैं. डीटीओ ने बताया कि नाम के स्पेलिंग में गड़बड़ी को ऑनलाइन आवेदन मिलने पर सुधार किया जा रहा है. अगर किसी का पूरा नाम व जन्मतिथि गड़बड़ है, तो वे कार्यालय में मैनुअल तरीके से आवेदन दें. जांच के बाद नाम परिवर्तन के लिए सरकार के मानक पर ही नाम और जन्मतिथि में सुधार हो सकेगा.
रिपोर्ट: सोमनाथ सत्योम