पटना. जदयू के एनडीए से अलग होने के बाद से दोनों दल के नेता एक दूसरे के खिलाफ बयान बाजी कर रहे हैं. खासकर ललन सिंह और सुशील मोदी. इसी क्रम में एक बार फिर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मंगलवार को ट्वीट कर राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी पर निशाना साधा है.
ललन सिंह ने ट्वीट में लिखा है, ‘सुशील कुमार मोदी जी, आपकी खबर मैंने देखी, जिसमें आप बता रहे हैं कि नीतीश जी को सोनिया गांधी जी छोड़ने आयीं या नहीं, उनके साथ फोटो शेयर किया या नहीं. लगता है आज तक आप छात्र नेता से राजनेता बन ही नहीं पाये. खैर हम लोग तो चाहते थे कि तिरस्कृत के बजाय आपकी कुछ प्रोन्नति हो जाये, लेकिन सुन रहे हैं कि आपकी पदावनति हो रही है, फिर से आपको प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा रहा है जो कि आप 15 साल पहले थे. वाकई आप दया के ही पात्र हैं…!’
.@SushilModi जी,
आपकी खबर मैंने देखी, जिसमें आप बता रहे हैं कि नीतीश जी को सोनिया गांधी जी छोड़ने आयीं या नहीं, …………………सुन रहें हैं कि आपकी पदावनति हो रही है, फिर से आपको प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा रहा है। जो कि आप 15 साल पहले थे। वाकई आप दया के ही पात्र हैं…! pic.twitter.com/wGj4gzGk1E
— Rajiv Ranjan (Lalan) Singh (@LalanSingh_1) September 27, 2022
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी ने अपना ट्वीटर पर पलटवार करते हुए कहा कि ‘भाजपा में 17 साल के बाद किसी को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनाने की कोई परिपाटी और परंपरा नहीं है. मुझे जरूर इस बात की जानकारी मिली है कि ललन सिंह को बहुत जल्द नीतीश कुमार राष्ट्रीय अध्यक्ष से हटा कर मुंगेर जिले का अध्यक्ष बनाने वाले हैं.
श्री मोदी ने कहा कि ललन सिंह का जदयू में वही हश्र होने वाला है जो जॉर्ज, शरद यादव एवं रामचंद्र सिंह का हुआ है।
— Sushil Kumar Modi (@SushilModi) September 27, 2022
मोदी ने कहा, ललन जी याद रखिये, आपकी पार्टी में शरद यादव, जॉर्ज फर्नांडिस और आरसीपी सिंह का क्या हश्र हुआ. ये तीनों पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे. तीनों को पार्टी से निष्कासित किया गया. शरद यादव की सदस्यता खत्म करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष को लिखा गया, उनका बंगला जबरदस्ती खाली कराने का प्रयास किया गया. आप तो एक बार नीतीश कुमार को छोड़कर जदयू से बाहर जा चुके हैं. आपकी भी सदस्यता खत्म करने के लिए नीतीश कुमार ने लोकसभा अध्यक्ष को पत्र लिखा था. इसलिए चिंता मत कीजिये. बहुत जल्द आप मुंगेर जिला के अध्यक्ष बनेंगे. यदि आप स्वीकार नहीं करेंगे तो आपका भी वही हश्र होगा जो आरसीपी, शरद यादव या जॉर्ज फर्नांडिस का जदयू में हुआ था.