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सिमडेगा के केरसई में 55 साल से हो रही है मां दुर्गे की पूजा, पढ़ें पूरा इतिहास

प्रखंड में दुर्गा पूजा का इतिहास 55 साल पुराना है. केरसई इंदिरा चौक के बगल में स्वर्गीय महेश साहू के घर के समीप 1969 में स्वर्गीय महेश साहू, स्वर्गीय मदन गोपाल मिश्र, नागेश्वर प्रसाद, स्वर्गीय छेदी साहू आदि ने ग्रामीणों के सहयोग से पूजा की शुरुआत की थी.

सिमडेगा: प्रखंड में दुर्गा पूजा का इतिहास 55 साल पुराना है. केरसई इंदिरा चौक के बगल में स्वर्गीय महेश साहू के घर के समीप 1969 में स्वर्गीय महेश साहू, स्वर्गीय मदन गोपाल मिश्र, नागेश्वर प्रसाद, स्वर्गीय छेदी साहू आदि ने ग्रामीणों के सहयोग से पूजा की शुरुआत की थी. इसके बाद से लेकर आज तक लगातार पूजा होती रही है. अब प्रखंड में स्थानीय लोगों के सहयोग से दिनों दिन पूजा पंडाल की भव्यता और दुर्गा पूजा में रौनक बढ़ती ही जा रही है.

शुरुआती दौरा में साधारण तरीके से स्वर्गीय महेश साहू के खपरैल घर में पूजा का आयोजन किया जाता था. 1972 तक उसी जगह पर पूजा होती रही. इसके बाद 1985 में स्वर्गीय छेदी साहू के घर के सामने ग्रामीणों की मदद से दुर्गा पंडाल का निर्माण किया गया. शुरुआती दौर में स्वर्गीय मदन गोपाल मिश्र पुरोहित हुआ करते थे. इसके बाद टैंसरा के पंडित दिनेश पाठक यहां के पुरोहित रहे.

वर्तमान समय में संजय पाठक पुरोहित की भूमिका निभा रहे हैं. लोगों का कहना है कि 1969 से आगे दस साल तक रांची से मूर्ति ला कर पूजा की जाती थी. दुर्गा पूजा में महज 50 से 100 रुपए खर्च होता था. अब दुर्गा पूजा की भव्यता काफी बढ़ गयी है. दुर्गा पूजा समिति के सदस्य त्रिवेणी प्रसाद, रवि गुप्ता ,प्रणव कुमार, सोनू कुमार, मनोज प्रसाद, भुनेश्वर प्रसाद, शशि प्रसाद, विजय प्रसाद, बसंत प्रसाद, पंकज कुमार आदि पूजा एवं मेले की तैयारी में लगे हुए हैं.

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