BJP Mission 2024: बिहार में सियासी उलटफेर के बाद अब जदयू और भाजपा की राह अलग हो गयी है. वहीं देशभर में अब भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों के एकजुट होने का माहौल बनने लगा है. जदयू ने नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को अधिकृत किया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए वो विपक्षी दलों को एकजुट करें और एकसाथ एक मंच पर लेकर आएं. कई विपक्षी दलों ने इसमें उनका साथ भी दिया है. विपक्षी एकजुटता को गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) भाजपा के लिए कितना बड़ा खतरा मानते हैं, वो उन्होंने प्रभात खबर से विशेष बातचीत के दौरान बताया.
गृह मंत्री अमित शाह जदयू और भाजपा के अलग होने के बाद पहली बार पिछले दिनों दो दिवसीय दौरे पर सीमांचल आए. बिहार के पूर्णिया में अमित शाह ने जनभावना रैली की तो किशनगंज में पार्टी और सीमा बल के अधिकारियों के साथ बैठकें की. वहीं इस दौरे में गृह मंत्री अमित शाह ने प्रभात खबर के प्रधान संपादक आशुतोष चतुर्वेदी और वरिष्ठ संपादक जीवेश रंजन सिंह से विभिन्न मुद्दों पर लंबी बातचीत की. इस दौरान उनसे विपक्षी एकजुटता के मुद्दे पर सवाल भी किये गये. गृह मंत्री ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया भी दी.
अमित शाह से सवाल किया गया कि सभी विपक्षी दल एक साथ एक मंच पर आने का प्रयास कर रहे हैं. आप इस प्रयास को किस तरह से देखते हैं और भारतीय जनता पार्टी इसका किस तरह से मुकाबला करेगी ? इस सवाल का जवाब देते हुए अमित शाह ने कहा कि हेमंत सोरेन जी, शरद पवार जी, ममता जी, राव जी सभी एक मंच पर आये.
यह बताएं कि शरद पवार जी के बिहार में सभा करने से कितना वोट मिलेगा? ममता जी को यूपी में सभा करने से कितना वोट मिलेगा? दरअसल, ये सब बीजेपी के खिलाफ अपने-अपने राज्य में लगे हुए हैं. प्रेस कांफ्रेंस में एक मंच पर आते हैं. उनको न तो एक दूसरे के राज्य में चुनाव लड़ना है और न ही उनकी ताकत है.
अमित शाह ने कहा कि हम तो सबके सामने लड़ कर जीत कर आये हैं. वर्ष 2014 में इनके सामने लड़ कर जीत कर आये और 2019 में भी जीते. अब 2024 में भी जीत कर आयेंगे. ये साझा मंच दिखाई पड़ता है, पर है नहीं. न तो इनका कोई नेता तय है और न ही कोई नेता होना है. ये सारे अंतत: कांग्रेस के नेतृत्व में इकट्ठा होंगे. अब जनता को तय करना है कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनाना है या फिर नरेंद्र मोदी को.
Published By: Thakur Shaktilochan