रांची: मानव तस्करी व नक्सलवाद का दंश झेल रहे झारखंड के चार जिलों खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां और सिमडेगा जिले की 1984 आदिवासी बेटियां स्वावलंबी बनेंगी. इनका चयन तमिलनाडु के होसूर स्थित टाटा समूह की कंपनी टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड ने किया है. मंगलवार को हटिया स्टेशन से विशेष ट्रेन से इन्हें होसूर भेजा जायेगा. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा हरी झंडी दिखाकर ट्रेन को रवाना करेंगे.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पहल पर जनजातीय कार्य मंत्रालय और टाटा इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड की ओर से चार जिलों में विशेष भर्ती शिविर लगाया गया था. यहां 2600 लड़कियों में से 1984 का चयन हुआ. इसमें खूंटी की 428, सरायकेला-खरसावां की 152, सिमडेगा की 891 और चाईबासा की 513 लड़कियां शामिल हैं.
मेगा भर्ती अभियान की जानकारी देते हुए केंद्रीय आदिवासी मामलों के संयुक्त सचिव नवलजीत कपूर ने कहा कि इस दौरान ट्रेन में खाने का इंतजाम भी किया गया है. इसके लिए कंपनी का प्रति लड़की तीन हजार रुपये खर्च होने का अनुमान है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों को सभी सुविधाएं जैसे पीएफ, ग्रेच्युटी, इएसआइसी की सुविधा मिलेगी. कंपनी की ओर से कर्मचारी और परिवार के सदस्यों को स्वास्थ्य सुविधा दी जायेगी.
लड़कियां कंपनी में एक साल काम करने के बाद प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी से बीएससी की डिग्री हासिल कर सकेंगी. आर्ट्स और कॉमर्स पढ़नेवाली लड़कियों के लिए ब्रिज कोर्स के जरिये बीएससी डिग्री हासिल करने की व्यवस्था होगी. कंपनी कर्मचारियों के रहने के लिए आवासीय सुविधा भी देगी. कंपनी कौशल विकास के तहत योग और स्पोकेन इंग्लिश का कोर्स करायेगी.
संयुक्त सचिव नवलजीत कपूर ने बताया कि कई अन्य कंपनियों जैसे जिंदल स्टील ने भी भर्ती अभियान में रुचि दिखायी है. आनेवाले समय में और आदिवासी लड़कियों को रोजगार का अवसर मिलेगा. कंपनी की नीति के अनुसार, चयनित लड़कियों के रहने, खाने और परिवहन के लिए वेतन से मामूली रकम काटी जायेगी.
केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पहल पर आज तमिलनाडु के होसूर होंगी रवाना
चयनित लड़कियों को पहले साल 15 हजार रुपये का वेतन-भत्ता मिलेगा
12वीं पास लड़कियां की गयी हैं चयनित, एंट्री लेवल ऑपरेटर के तौर पर हुई नियुक्ति
नवलजीत कपूर ने कहा कि टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड कंपनी की ओर से राज्य की 4000 आदिवासी लड़कियों के चयन का लक्ष्य तय किया गया है. जल्दी ही अन्य जिलों में भी भर्ती कैंप लगाया जायेगा. इन लड़कियों के लिए होसूर में कंपनी, रहने, खाने और परिवहन की व्यवस्था करेगी.