Gorakhpur News: शारदीय नवरात्रि सोमवार 26 सितंबर से शुरू हो गई. गोरखपुर में भी दशहरा पर्व काफी हर्षोल्लास से मनाया जाएगा. इस बार दशहरा पर्व की धूम कुछ खास ही होगी क्योंकि दो साल के बाद अबकी बार दशहरा पर्व मनाया जाएगा. कोरोना महामारी की वजह से दो साल तक इस पर्व को लोग धूमधाम से नहीं मना पाए थे. गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में नवरात्रि की पूजा विशेष होती है.
गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में मां शक्ति की विशेष उपासना होती है. इसको लेकर गोरखनाथ मंदिर के कार्यकर्ता लगभग तैयारी पूरी कर चुके हैं. नवरात्र की प्रतिपदा 26 सितंबर की शाम गोरखनाथ मंदिर स्थित मां दुर्गा मंदिर के गर्भगृह में कलश स्थापना की जाएगी. इसके पूर्व शक्ति अनुष्ठान मां दुर्गा मंदिर से एक शोभायात्रा योगी कमलनाथ के साथ साधु-संतों की निकलेगी जो भीम सरोवर से कलश में जल भरेगी.
गोरखनाथ मंदिर में मां भगवती कि अनुष्ठान शारदीय नवरात्रि के प्रथम दिन से विजयादशमी तक प्रतिदिन प्रातः काल 4 बजे से और सायंकाल 6 बजे से गोरखनाथ मंदिर स्थित मां दुर्गा मंदिर गर्भगृह में की जाती है. यहां पर श्रीमद् देवी भागवत की कथा और दुर्गा सप्तशती का पाठ किया जाएगा. मां शक्ति की आराधना गोरखनाथ मंदिर में काफी पहले से होती आयी है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ पूरे 9 दिन नवरात्रि में व्रत रहते हैं. योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बनने से पहले लगातार 9 दिन शक्ति की आराधना में मंदिर परिसर से बाहर नहीं जाते थे लेकिन मुख्यमंत्री बनने के बाद यह परंपरा उन्हें तोड़नी पड़ी. इसलिए सीएम योगी यहां नवरात्रि के अष्टमी कार्यक्रम से शामिल होते हैं लेकिन अबकी बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना में मौजूद रहेंगे.
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गोरखनाथ मंदिर के सचिव द्वारका तिवारी ने बताया कि 2 अक्टूबर को महानिशा पूजा और हवन होगा.
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3 अक्टूबर को महाष्टमी पूजा और 4 अक्टूबर को महानवमी अनुष्ठान होगा. विजयादशमी पर 4 अक्टूबर को ही सुबह लगभग 8:30 से श्रीनाथ जी का विशेष पूजन व देव विग्रह का पूजन होगा. सुबह 11:00 बजे से मुख्यमंत्री कुमारी कन्या पूजन वह कन्या भोज करेंगे. इसके बाद दोपहर 1:00 बजे से 3:00 तक गोरक्ष पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का तिलक उत्सव कार्यक्रम होगा.
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यह कार्यक्रम गोरखनाथ मंदिर के तिलक हाल में आयोजित होगा. शाम 4:00 बजे योगी आदित्यनाथ विशेष पारंपरिक वेशभूषा में नजर आएंगे.
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मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर से रथ पर सवार होकर विजय जुलूस में शामिल होंगे. यह भव्य शोभायात्रा गोरखनाथ मंदिर से प्रस्थान कर मानसरोवर मंदिर तक जाएगी जहां वह देव विग्रह की पूजा-अर्चना करने के बाद अभिषेक करेंगे. इसके बाद शोभायात्रा रामलीला मैदान अंधियारी बाग के लिए प्रस्थान करेगी.