ठाकुर शक्तिलोचन: बिहार की राजनीति में तेजस्वी यादव की अब एक अलग पहचान हो चुकी है. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का क्रेज अब बढ़ता जा रहा है. जिस तरह लालू यादव के समर्थक उनकी एक झलक पाने के लिए बेचैन रहते थे. ऐसा ही कुछ अब तेजस्वी यादव के लिए दिखता है.
तेजस्वी यादव हाल में ही गोपालगंज स्थित अपने पैतृक गांव फुलवरिया पहुंचे तो वहां के लोग तेजस्वी यादव की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे.
तेजस्वी यादव का फुलवरिया में गर्मजोशी से स्वागत किया गया. हजारों की भीड़ तेजस्वी यादव के वाहन के करीब जमा हो गये और अपने नेता की तस्वीर फोन में कैद करने के लिए जद्दोजहद करते दिखे.
तेजस्वी यादव के आगमन के बाद सुरक्षाबलों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा. जिस तरह लालू यादव को छूने के लिए उनके फैन उमड़ते हैं वैसे ही तेजस्वी यादव को एक बार छूने के लिए लोग उमड़ पड़े.
तेजस्वी यादव जब उपमुख्यमंत्री बनकर अपने पैतृक गांव पहुंचे तो स्थानीय लोगों उनकी एक झलक देखने और कैमरे में कैद करने उमड़े रहे. एक नेता के लिए ये बड़ी उपलब्धि होती है. लालू यादव भी अपने समर्थकों के बीच कुछ ऐसा ही फेमस रहे हैं.
तेजस्वी यादव कई बार लालू यादव के ही राह पर चलते दिखते हैं. उपमुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने जनता के बीच अपनी सक्रियता बढ़ा दी है. गरीबों और असहायों के लिए वो आगे आते हैं और उनकी फरियाद सुनते हैं.
ये दृश्य पहली और आखिरी नहीं जब उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव अपने आवास से बाहर रात को भी दिख जाते हैं. शिकायत लेकर आये फरियादियों की फरियादें सुनते हैं और ये संदेश देते रहे हैं कि वो जनता के सेवक हैं.
तेजस्वी यादव में लालू यादव की झलक क्यों दिखती है. इसको इस तरह समझा जा सकता है कि लालू यादव भी सरकारी आवास में गरीबों और पीड़ितों की समस्याएं सुना करते थे.
पटना के सरकारी आवास के बाहर लोग अपनी समस्या लेकर उपमुख्यमंत्री के पास आते हैं और तेजस्वी यादव उनकी बातें सुनते हैं. जनता के बीच अपने आप को तेजस्वी यादव उसी तरह लेकर जा रहे हैं जैसे उनके पिता लालू यादव जाया करते थे.
तेजस्वी यादव का क्रेज इन दिनों बढ़ता ही जा रहा है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लोगों को अब उनसे उम्मीदें बढ़ी है. लोगों के बीच वो युवा नेता के तौर पर उभरते जा रहे हैं.
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के दौरान तेजस्वी यादव का क्रेज जनता के बीच देखने को मिला था. तेजस्वी यादव जहां रैली करने जाते वहां उनके समर्थकों की भीड़ उमड़ जाती थी. ऐसा ही कुछ लालू यादव के लिए देखा जाता है.
Posted By: Thakur Shaktilochan