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Italy Election: इटली को मिलने जा रही है पहली महिला प्रधानमंत्री! मेलोनी ने जनता से एकता का किया आह्वान

इसी बीच इटली पार्टी के राष्ट्रवादी ब्रदर्स के प्रमुख जॉर्जिया मेलोनी ने सोमवार को कहा कि इटली के मतदाताओं ने अगली सरकार बनाने के अधिकार को स्पष्ट जनादेश दिया है और देश की कई समस्याओं का सामना करने में मदद करने के लिए एकता का आह्वान किया.

Italy Election: इटली में इस वक्त चुनाव हो रहे है. इस चुनाव के नतीजों पर लगभग सम्पूर्ण यूरोप की नजर बनी हुई है. जानकारों की मानें तो इटली की जनता इस वक्त तय कर रही है कि वह सबसे दक्षिणपंथी सरकार को चुने या नहीं. बता दें कि एक्जिट पोल के अनुसार इस वक्त इटली में ब्रदर्स ऑफ इटली की जॉर्जिया मेलोनी के प्रधानमंत्री बनना लगभग तय माना जा रहा है. उनकी पार्टी का जीत कर आना लगभग तय है. अगर इस बार के चुनाव में जॉर्जिया चुनाव जीतती हैं तो फिर वह देश की पहली महिला पीएम बनेंगी.

जनता को कहा- समस्या का समाधान करने के लिए एक होना जरूरी

इसी बीच इटली पार्टी के राष्ट्रवादी ब्रदर्स के प्रमुख जॉर्जिया मेलोनी ने सोमवार को कहा कि इटली के मतदाताओं ने अगली सरकार बनाने के अधिकार को स्पष्ट जनादेश दिया है और देश की कई समस्याओं का सामना करने में मदद करने के लिए एकता का आह्वान किया. मेलोनी ने संवाददाताओं से कहा कि अगर हमें इस देश पर शासन करने के लिए कहा जाता है, तो हम सभी इटालियंस के लिए काम करेंगे. लोगों को एकजुट करने के उद्देश्य से काम करेंगे. जो उन्हें विभाजित करता है उन चीजों को दूर करेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि हम आपके भरोसे के साथ विश्वासघात नहीं करेंगे.

द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद पहली बार राइट विंग की सरकार!

बता दें कि जॉर्जिया मेलोनी को इटली की सबसे कट्टर नेता माना जाता है. बता दें कि मेलोनी ने रूस पर लगे पश्चिमी प्रतिबंधों का समर्थन किया था. साथ ही यूक्रेन की जंग में यूरोप का साथ दिया था. हालांकि, बीते कुछ दिनों से उनके रुख में नरमी देखि गयी है. जानकारी हो कि अगर जॉर्जिया की ब्रदर्स ऑफ इटली को जीत मिलती है तो द्वितीय विश्‍व युद्ध के बाद पहला मौका होगा जब कोई राइट विंग की पार्टी सरकार बनाएगी.

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जॉर्जिया से जनता को काफी उम्‍मीदें

कोरोना महामारी के बाद से देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही थी. लेकिन इसपर अंकुश रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध के समय लगा. इसमें सबसे बड़ा योगदान ऊर्जा संकट ने दिया. इटली के राजनेता जहां जंग पर बहस कर रहे हैं तो वहीं जनता को इस बात की चिंता है कि वह अपने बिल कैसे अदा करेंगे. जॉर्जिया से जनता को काफी उम्‍मीदें हैं और माना जा रहा है कि वह सत्‍ता में आने के बाद कुछ फैसले ले सकती हैं.

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