कैमूर. Durga Puja 2022 – शारदीय नवरात्र दिन सोमवार यानी आज से प्रारंभ हो रहे हैं. इन नौ दिनों में भक्त मां के अलग-अलग उग्र व सौम्य रूपों की उपासना की भक्ति में लीन रहेंगे. मान्यता है कि आदि शक्ति मां दुर्गा विपत्तियों की संहारकर्ता हैं. पंडित उपेंद्र तिवारी के अनुसार 26 सितंबर को कलश स्थापना होगी और दो अक्तूबर यानी सप्तमी को दुर्गा पंडालों का पट खुलेगा. महानिशा पूजा और महाअष्टमी व्रत तीन अक्तूबर को होगी और फिर पांच अक्तूबर को विजयादशमी मनाया जायेगा. इधर आज से शुरू हो रहे दुर्गोत्सव को लेकर शहर और ग्रामीण इलाकों में जोर शोर से तैयारी चल रही है.
शहर में 10 से ज्यादा छोटे बड़े भव्य पंडाल सज रहे हैं. शहर में 20 फुट से 60 फुट ऊंचाई तक के पंडाल सजाये जा रहे हैं. दो वर्ष कोरोना के बाद सभी पंडाल को अच्छी आकृति देने में जुटे हैं. भक्तों ने भी अपने-अपने तरीके से इसकी जोर-शोर से शुरू कर दी है. दरअसल इस बार नवरात्रि वैश्विक महामारी कोरोना काल में मिली राहत के साथ शुरू हो रहा है. राहत के चलते ही इस साल शहर के शिवाजी चौक, पटेल चौक आदि जगहों पर भव्य पंडाल के साथ माता की प्रतिमा स्थापित की जा रही है. प्रशासन ने भी सरकार के द्वारा जारी पूजा गाइडलाइन के अनुसार सारे कार्यक्रम करने का आदेश दिया है.
नगर में ही तकरीबन दो दर्जन से ऊपर पंडाल स्थापित कर मां दुर्गा की पूजा धूमधाम से होती है. पंडालों में स्थापित मां दुर्गा का मुख (पट) सप्तमी तिथि को आम लोगों के दर्शन के लिए खोल दिये जाते है. इस अलौकिक दृश्य को देखने के लिए दूरदराज से हुजूम उमड़ पड़ता है. सबसे अधिक भीड़ विजयादशमी के कार्यक्रम को लेकर होती है. चार दिवसीय उमंग व उत्साह के इस मेले में रात और दिन का फर्क मिट जाता है. इस महापर्व का सभी को बेसब्री से इंतजार रहता है. हालांकि, इस बार कोरोना से मिली राहत के चलते पंडाल निर्माण सहित सजावट व प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति मिली हुई है. लेकिन, प्रशासन ने डीजे और जुलूस आदि पर अभी भी प्रतिबंध लगाया हुआ है.
नगर स्थित एकता व पटेल चौक सहित अन्य बाजारों में अक्सर चहल पहल रहती है. शारदीय नवरात्र को लेकर अन्य दिनों की अपेक्षा बाजार में भीड़ कुछ ज्यादा ही उमड़ती है. नवरात्र को लेकर सबसे अधिक भीड़ कलश व ढकनी के विक्रेताओं व राशन की दुकानों पर पूजन सामग्रियों कि खरीदारी को लेकर रविवार को दुकानों आदि पर भीड़ जुटी हुई दिखी.
नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना के साथ देवी मां का पूजन शुरू किया जाता है. इसमें खासकर कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है. पंडित उपेंद्र तिवारी के अनुसार, 26 सितंबर को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 11 मिनट से 7 बजकर 51 मिनट और तक शुभ मुहूर्त रहेगा. दोपहर में 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट के बीच भी अभिजीत मुहूर्त में कलश स्थापना किया जा सकता है.