Mann Ki Baat: रविवार सुबह 11 बजे देश के पीएम नरेंद्र मोदी मन की बात कार्यक्रम में जनता को संबोधित किया. बता दें कि यह उनके रेडियो प्रोग्राम का 93वां एपिसोड है. इस कार्यक्रम का प्रसारण ऑल इंडिया रेडियो, दूरदर्शन के अलावा यूट्यूब व अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी किया गया. इस दौरान पीएम मोदी ने नामीबिया से लाये गए चीतों की सुरक्षा के लिए लोगों को काम सौंपा है. इस अभियान के लिए जनता से अभियान का नाम पूछा. उन्होंने कहा कि अब हमारे मौलिक कर्तव्य में भी पशुओं की सुरक्षा शामिल हो गयी है. साथ ही उन्होंने घोषणा की है कि चंडीगढ़ हवाई अड्डा का नाम शहीद भगत सिंह पर रखा जाएगा.
जल्द मिलेगा चीतों से मिलने का अवसर
अपने संबोधन की शुरुआत में पीएम मोदी ने कहा कि चीतों पर बात करने के लिए ढ़ेर सारे मेसेज आए हैं. इस बारे में लोगों का एक आम सवाल यही है कि मोदी जी हमें चीतों को देखने का अवसर कब मिलेगा. उन्होंने जानकारी देते हुए कहा कि साथियो, एक टास्क फोर्स बनी है. यह टास्क फोर्स चीतों की मॉनिटरिंग करेगी और ये देखेगी कि यहाँ के माहौल में वो कितने घुल-मिल पाए हैं. इसी आधार पर कुछ महीने बाद कोई निर्णय लिया जाएगा, और तब आप, चीतों को देख पायेंगे.
अमृत महोत्सव का एक विशेष दिन
पीएम मोदी ने एक घोषणा करते हुए कहा कि हम अपने स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरणा लें, उनके आदर्शों पर चलते हुए उनके सपनों का भारत बनाएं, यही उनके प्रति हमारी श्रद्धांजलि होती है. शहीदों के स्मारक, उनके नाम पर स्थानों, संस्थानों के नाम हमें कर्तव्य के लिए प्रेरणा देते हैं. इसलिए हम चंडीगढ़ हवाई अड्डा को शहीद भगत के नाम पर रखने जा रहे है. साथ उन्होंने कहा कि आज से तीन दिन बाद 28 सितम्बर को अमृत महोत्सव का एक विशेष दिन आ रहा है. इस दिन हम भारत माँ के वीर सपूत भगत सिंह की भी जयंती मनाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि अमृत महोत्सव में हम जिस तरह स्वतंत्रता सेनानियों से जुड़े विशेष अवसरों पर मना रहे हैं, उसी तरह 28 सितंबर को भी हर युवा कुछ नया प्रयास अवश्य करे.
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दीनदयाल ने सिखाया- भारतीय दर्शन दुनिया का मार्गदर्शन कर सकता है
पीएम मोदी ने कहा कि आज 25 सितंबर को देश के प्रखर मानवतावादी, चिन्तक और महान सपूत दीनदयाल उपाध्याय जी का जन्मदिन मनाया जाता है. किसी भी देश के युवा जैसे-जैसे अपनी पहचान,गौरव पर गर्व करते हैं, उन्हें अपने मौलिक विचार और दर्शन उतने ही आकर्षित करते हैं. आधुनिक, सामाजिक और राजनैतिक परिप्रेक्ष्य में भी भारतीय दर्शन कैसे दुनिया का मार्गदर्शन कर सकता है, ये दीनदयाल जी ने हमें सिखाया.