विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मसले पर चीन और पाकिस्तान पर शनिवार को परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र में घोषित आतंकवादियों का बचाव करने वाले देश न तो अपने हितों और न ही अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रख रहे हैं. उन्होंने कहा कि आतंकवाद के किसी भी कृत्य को कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता. वहीं, बताते चले कि रूस के लावरोव ने रविवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्य के लिए भारत का समर्थन किया है.
जयशंकर ने यहां संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के उच्च स्तरीय सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि कभी-कभी घोषित आतंकवादियों का बचाव करने की हद तक यूएनएससी-1267 प्रतिबंध व्यवस्था का जो राजनीतिकरण करते हैं, वे अपने जोखिम पर ऐसा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कोई भी टिप्पणी चाहे किसी भी मंशा से क्यों न की गई हो, कभी भी खून के धब्बे नहीं ढक सकती.
विदेश मंत्री ने कहा, दशकों से सीमा पार आतंकवाद का खामियाजा भुगतता रहा भारत जीरो टॉलरेंस के दृष्टिकोण की दृढ़ता से वकालत करता है. हमारे विचार में आतंकवाद के किसी भी कृत्य को कतई जायज नहीं ठहराया जा सकता है. कोई भी टिप्पणी, चाहे वह किसी भी मंशा से क्यों न की गई हो, कभी भी खून के धब्बे को ढक नहीं सकती. यह पाकिस्तान और उसके सदाबहार सहयोगी चीन के खिलाफ परोक्ष रूप से जोरदार हमला था, जिसने कई मौकों पर भारत और उसके सहयोगियों द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के 1267 प्रतिबंध के दायरे में पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों को लाये जाने के प्रस्तावों और कोशिशों को अवरुद्ध कर दिया.
Also Read: भारत ने पाक PM को UNGA में दिया करारा जवाब, कहा- आतंकियों को शरण देकर शांति की बात करना उचित नहीं
गौरतलब है कि इस महीने, चीन ने लश्कर ए तैयबा के आतंकवादी साजिद मीर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए अमेरिका द्वारा संयुक्त राष्ट्र में पेश किए गए और भारत द्वारा सह-समर्थित एक प्रस्ताव पर रोक लगा दी. मीर 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमले मामले में वांछित है.
(भाषा- इनपुट)