CBI Raid Against Child Pornography: सीबीआई ने ‘ऑपरेशन मेघ चक्र’ के तहत बाल यौन उत्पीड़न से संबंधित सामग्री (सीएसएएम) के ऑनलाइन प्रसार से जुड़े दो मामलों में शनिवार को झारखंड, बिहार और पश्चिम बंगाल समेत 20 राज्यों और एक केंद्र-शासित प्रदेश में 59 ठिकानों पर छापा मारा. इनमें झारखंड के रांची और धनबाद, बिहार के सारण और भागलपुर व पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, बर्दमान शामिल हैं.
महाराष्ट्र में आठ ठिकानों की ली तलाशी
महाराष्ट्र में सीबीआइ ने आठ ठिकानों की तलाशी ली. इसके अलावा हरियाणा, उत्तराखंड, गुजरात, यूपी, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, हरियाणा, छत्तीसगढ़, दिल्ली, केरल, पंजाब, तमिलनाडु, असम, अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा और हिमाचल प्रदेश में सीबीआइ ने बाल यौन उत्पीड़न से संबंधित सामग्री मामले में तलाशी ली. अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी इंटरपोल सिंगापुर से मिली सूचना और पिछले साल के ‘ऑपरेशन कार्बन’ के दौरान प्राप्त खुफिया जानकारी पर आधारित है.
सीबीआई ने चिन्हित किये गैंग
सीबीआइ ने छापे में ऐसे गैंग चिह्नित किये हैं, जो न केवल बाल यौन उत्पीड़न सामग्री का ऑनलाइन प्रसार करते हैं, बल्कि उसके जरिये बच्चों को शारीिरक रूप से ब्लैकमेल भी करते हैं. सीबीआइ ने पिछले साल सीएसएएम के एक बड़े नेटवर्क का पर्दाफाश किया था, जो ऑनलाइन माध्यम से हासिल पेमेंट के साथ 60 वीडियो के लिए सिर्फ 10 रुपये में सोशल मीडिया पर अवैध सामग्री बेच रहे थे. ‘ऑपरेशन कार्बन’ में एजेंसी ने 51 सोशल मीडिया ग्रुप को बेनकाब किया था, जिसमें 5700 आरोपी शामिल थे.
यह भी जानें
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रांची, धनबाद, सारण व भागलपुर में भी रेड
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भारत में बाल यौन उत्पीड़न से संबंधित सामग्री बनाना, शेयर करना और देखना अपराध है
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पहली बार अपराध करने पर पांच साल तक की सजा और दस लाख का जुर्माना
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दोबारा इन्हीं अपराधों को अंजाम दिये जाने पर सजा को बढ़ा कर सात साल का कर दिया जाता है
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कानून के तहत विदेशों से संचालित होने वाले कंटेंट को कंप्यूटर, मोबाइल में सेव करना भी अपराध की श्रेणी में आता है
सीबीआइ की विशेष यूनिट करती है मामले की जांच
सीबीआइ ने बाल यौन उत्पीड़न से संबंधित सामग्री के प्रसार से जुड़े मामलों की जांच के लिए 2019 में ऑनलाइन चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज एंड एक्सप्लॉइटेशन नाम की विशेष यूनिट का गठन किया है. यूनिट बाल उत्पीड़न से संबंधित सामग्री के निर्माण और बच्चों को शारीरिक रूप से ब्लैकमेल करने जैसे मामलों की जांच विदेशी दूतावासों व इंटरपोल के साथ मिलकर करती है.