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Daughters Day 2022 से पहले सर्टिफिकेट अटेस्ट कराने गयी दलित बेटी से अधिकारी ने मांगे 25 हजार रुपये

Daughters Day 2022: गुमला जिले के घाघरा प्रखंड क्षेत्र के ईचा गांव की रहने वाली सृष्टि का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय गुमला में हुआ है. नामांकन अभी तक नहीं हो पाया. सृष्टि अधिकारियों के चक्कर काट रही है. उसे और उसके पिता को तरह-तरह के नियम-कानून का हवाला देकर दौड़ाया जा रहा है.

Daughters Day 2022: पूरा देश रविवार (25 सितंबर) को डॉटर्स डे (Daughters Day 2022) मनायेगा. इस दिन बेटियों पर केंद्रित कार्यक्रम आयोजित किये जायेंगे. बेटियों को आगे बढ़ाने और उन्हें पढ़ाने की अपील लोगों से की जायेगी. सरकारी अधिकारी और नेतागण इस पर भाषण भी देंगे. लेकिन, जमीनी स्तर पर बेटियों को न पढ़ने दिया जा रहा है, न ही उन्हें आगे बढ़ने दिया जा रहा है. एक दलित बेटी पढ़ना चाहती है, तो उसके सर्टिफिकेट पर दस्तखत के लिए अधिकारी रिश्वत मांग रही है.

जवाहर नवोदय विद्यालय में हुआ है सृष्टि का चयन

झारखंड में जवाहर नवोदय विद्यालय में नामांकन के लिए 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है. मामला गुमला जिले के घाघरा प्रखंड का है. क्षेत्र के ईचा गांव की रहने वाली सृष्टि का चयन जवाहर नवोदय विद्यालय गुमला में हुआ है. नामांकन अभी तक नहीं हो पाया. सृष्टि अधिकारियों के चक्कर काट रही है. उसे और उसके पिता को तरह-तरह के नियम-कानून का हवाला देकर दौड़ाया जा रहा है.

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स्कूल ने एसएलसी देने से कर दिया था इंकार

कई कार्यालयों में उससे मोटी रकम की डिमांड की जा रही है. सृष्टि ने उपायुक्त से इसकी लिखित शिकायत की है. सृष्टि व उसके पिता सोनू कुमार ने बताया कि जब से उसकी बेटी का जवाहर नवोदय विद्यालय में चयन हुआ है, वह परेशान है. पहले स्कूल ने स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट देने से इंकार कर दिया. उपायुक्त से शिकायत की, तो बेटी को स्कूल लीविंग सर्टिफिकेट दिया गया.

सर्टिफिकेट पर दस्तखत नहीं कर रहीं शिक्षा प्रसार पदाधिकारी

इस सर्टिफिकेट के सत्यापन के लिए प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के हस्ताक्षर की जरूरत थी. प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी ने नियम का हवाला देते हुए सोनू तुरी से कहा कि वह इस पर दस्तखत नहीं कर सकतीं. पदाधिकारी ने कहा कि विभाग से उन्हें निर्देश है कि पांचवीं पास का अंक पत्र देखने के बाद ही सर्टिफिकेट का सत्यापन करना है. अगर सत्यापन कराना है, तो 25,000 रुपये दो. मैं सत्यापित कर देती हूं.

लॉकडाउन में नहीं हुई थी परीक्षा

बता दें कि लॉकडाउन के दौरान किसी स्कूल में परीक्षा नहीं हुई थी. बिना परीक्षा के छात्र-छात्राओं को अगली कक्षा में प्रोमोट कर दिया गया था. विद्यार्थियों को अंक पत्र जारी नहीं किया गया. अब सृष्टि अंक पत्र कहां से लाये. न तो उसके पास अंक पत्र है, न उसके माता-पिता के पास 25 हजार रुपये. ऐसे में सृष्टि की आगे की पढ़ाई पर संकट आन पड़ी है.

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सृष्टि के पिता ने की डीसी से शिकायत

बिन मां की बच्ची सृष्टि का कहना है कि वह दलित परिवार से है. पढ़ने का उसका बहुत मन है, लेकिन अधिकारी मेरे सर्टिफिकेट को सत्यापित नहीं कर रही हैं. मैं और मेरे पिता बेहद परेशान हैं. हम प्रताड़ित हो रहे हैं. उसके पिता ने कहा कि उपायुक्त सुशांत गौरव से प्रार्थना की है कि हमारी मदद की जाये. जवाहर नवोदय विद्यालय में मेरी बेटी के नामांकन का मार्ग प्रशस्त किया जाये, ताकि वह पढ़-लिखकर अपने परिवार का सहारा बन सके.

रिश्वत मांगने का आरोप निराधार: बीइओ

इस संबंध में प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी प्रीति रानी कुजूर से पूछा गया, तो उन्होंने कहा कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक हमें मार्कशीट नहीं दिखा रहे हैं. इसलिए हमने सिग्नेचर नहीं किया है. रही बात रिश्वत मांगने की, तो यह आरोप बिल्कुल निराधार है.

जिला के उच्च अधिकारी करें हस्तक्षेप: सतवंती देवी

जिला पश्चिमी के परिषद सदस्य सतवंती देवी ने कहा कि बच्ची और उसके पिता काफी गरीब हैं. दलित परिवार से हैं. उसके नामांकन के लिए जिला प्रशासन के उच्च अधिकारियों को हस्तक्षेप करना चाहिए. बच्ची व उसके पिता की शिकायत के बाद हमने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी से बात की, तो उन्होंने उद्दंडता से जवाब दिया.

रिपोर्ट- अजित कुमार साहू, घाघरा, गुमला

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