Kanpur: कानपुर ऑर्डिनेंस इक्विपमेंट फैक्टरी (OEF Kanpur) से सकूर बस्ती दिल्ली (Sakur Basti Delhi) स्थित सेना डिपो में भेजे गए हैवरसेक के दो नग रास्ते से गायब होने के मामले में फीलखाना पुलिस ने तीन लोगों के खिलाफ चोरी की धारा में एफआईआर दर्ज की है. जिस डीसीएम से माल भेजा गया था, उस जीपीएस सिस्टम (GPS) के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. अब जीपीएस बताएगा डीसीएम का रूट क्या था और वह कहां-कहां पर रुका?
ऑर्डिनेंस इक्विपमेंट कानपुर (OEF Kanpur) से सकूर बस्ती दिल्ली सेना के जवानों के लिए 194 नग हैवरसेक (बैग) के भेजे गए थे. हैवरसेक को भेजने की जिम्मेदारी अन्नपूर्णा ट्रांसपोर्ट कंपनी को दी गई थी. एफआईआर में कंपनी के रीजनल मैनेजर वीरेश कुमार ने जानकारी दी है कि 27 अगस्त को माल कमीशन एजेंट मनोज कुमार के माध्यम से भिजवाया गया था. इसे डीसीएम में लदवाकर भेजा गया.
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डीसीएम चालक ग्यासी राम के साथ आशीष यह माल लेकर रवाना हुए.माल जब वहां पहुंचा और मिलान कराया गया तो पता चला कि सिर्फ 192 नग ही निकले. 2 नग हैवरसेक के गायब मिले. एक नग में सेना की 50 वर्दियां हैं. इस तरह कुल 100 वर्दियां (100 Army Uniform) गायब हैं. जिनकी कीमत लगभग 2 लाख से ऊपर है. ये हैवरसेक सेना के लिये बहुत महत्वपूर्ण हैं. इस चोरी का खुलासा करने के लिये अन्य एजेंसियों को भी लगाया जा रहा है.
उधर एफआईआर के आधार पर पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है. पता लगाया जा रहा है कि डीसीएम में जीपीएस लगा था कि नहीं. इसके लिए एक टीम को लगाया गया है. जो जीपीएस के माध्यम से यह पता लगाने का प्रयास करेगी कि डीसीएम जब कानपुर से निकला तो उसका रूट क्या था?
इंस्पेक्टर फीलखाना ने बताया कि जिन लोगों को नामजद किया गया है, उसमें कमीशन एजेंट व दोनों चालक शामिल है. इनसे पूछताछ कर यह पता लगाया जाएगा कि इन लोगों ने डीसीएम को कहां कहां पर रोका था. पुलिस आयुक्त बीपी जोगदंड (Commissioner BP Jogdand) का कहना है कि एफआईआर दर्ज कर ली गई है. नामजद लोगों से पूछताछ की जाएगी.