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बोकारो के धनघरी गांव के 10 घरों में चला प्रशासन का बुलडोजर, जानें क्या है वजह

बोकारो जिले के उत्तरी विस्थापित क्षेत्र गांव धनघरी के 10 घरों में रेलवे और जिला प्रशासन की ओर से बुलडोजर चलाया गया. ये वो 10 घर हैं, जो बोकारो-तुपकाडीह तलगाड़िया रेलवे लाइन दोहरीकरण में बाधक बन रहे थे.

Bokaro News: बोकारो जिले के उत्तरी विस्थापित क्षेत्र गांव धनघरी के 10 घरों में रेलवे और जिला प्रशासन की ओर से बुलडोजर चलाया गया. ये वो 10 घर हैं, जो बोकारो-तुपकाडीह तलगाड़िया रेलवे लाइन दोहरीकरण में बाधक बन रहे थे. रेलवे और जिला प्रशासन की ओर से अहले सुबह घरों में बुलडोजर चलाया गया. बताते चलें कि इन घरों में रहने वाले लोगों को कई बार नोटिस दिया गया था.

विरोध के बीच चला बुलडोजर

आज जिला प्रशासन और रेलवे की टीम गांव पहुंचकर 10 घरों में बुलडोजर चलाकर उसे जमीनदोज कर दिया. इस दौरान ग्रामीण घरों को तोड़े जाने का विरोध करते रहे. ग्रामीण और पुलिस के बीच नोकझोंक और तकरार भी हुआ. लेकिन 200 से अधिक पुलिस अधिकारी और जवान की मौजूदगी के कारण गांव वालों की एक न चली और रेलवे के द्वारा लाए गए बुलडोजर से घरों को तोड़ दिया गया. इस दौरान महिलाओं के आंख के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे. सभी अपने घरों से सामानों को निकाल कर बाहर कर रही थी. बताते चलें कि यहां रह रहे लोगों को थोड़ा भी इल्म नहीं था कि जिस घर में हमने रात गुजारी उस पर सवेरे-सवेरे बुलडोजर चला तोड़ दिया जाएगा.

अब हो रही आशियाने की चिंता

महिलाओं का कहना था कि अब हम कहां जाएंगे. क्योंकि हमारे पास रहने के लिए कोई घर नहीं है. परिवार वाले आखिर किस तरह अपनी जिंदगी व्यतीत करेंगे. रेलवे को पहले हमें बसाने की व्यवस्था करनी चाहिए थी तब हमारे घर को उजड़ा जाना चाहिए था. स्थानीय लोगों ने कहा कि हम विकास के विरोधी नहीं हैं. यही कारण है कि हमारे बाप-दादाओं ने बोकारो स्टील के निर्माण के लिए कौड़ी के भाव में जमीनों को दे दिया. आज हम अपने मुआवजे की मांग कर रहे हैं तो बोकारो स्टील और रेलवे आपस में समझौता कर हमें उजाड़ने का काम कर रही है. लोगों ने कहा कि हमारा दर्द केंद्र सरकार को समझना चाहिए और हमें बस आने के लिए जमीन और मुआवजा भी दिया जाना चाहिए.

रिपोर्ट : मुकेश झा

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