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PMCH Junior Doctor’s Strike: 1000 मरीज बिना इलाज के लौटे, 15 ऑपरेशन टले, चरमरायी स्वास्थ्य व्यवस्था

PMCH Junior Doctor's Strike की हड़ताल का असर देखने को मिला. ओपीडी से लेकर इमरजेंसी वार्ड तक व्यवस्था चरमरा गयी. जैसे ही सुबह रजिस्ट्रेशन काउंटर खुला आक्रोशित हड़ताली डॉक्टरों ने सभी काउंटरों को बंद करा दिया, जिससे प्रदेश भर से इलाज कराने पहुंचे करीब 60 प्रतिशत मरीजों का इलाज नहीं हो पाया.

PMCH Junior Doctor’s Strike की हड़ताल का असर दूसरे दिन शुक्रवार को भी देखने को मिला. ओपीडी से लेकर इमरजेंसी वार्ड तक व्यवस्था चरमरा गयी. जैसे ही सुबह रजिस्ट्रेशन काउंटर खुला आक्रोशित हड़ताली डॉक्टरों ने सभी काउंटरों को बंद करा दिया, जिससे प्रदेश भर से इलाज कराने पहुंचे करीब 60 प्रतिशत मरीजों का इलाज नहीं हो पाया. इलाज नहीं मिलने से नाराज मरीज व परिजन उग्र हो गये और काउंटर खोलने की मांग करने लगे. घंटों इंतजार के बाद भी जब काउंटर नहीं खुला, तो नाराज परिजन व डॉक्टरों के बीच धक्का-मुक्की की नौबत आ गयी. वहीं जेडीए का कहना है कि हड़ताल की वजह से 15 ऑपरेशन टालने पड़े. 40 की जगह 25 ऑपरेशन किये गये. 1000 से अधिक मरीजों को ओपीडी से बगैर इलाज के लौटना पड़ा.

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Pmch junior doctor's strike: 1000 मरीज बिना इलाज के लौटे, 15 ऑपरेशन टले, चरमरायी स्वास्थ्य व्यवस्था 2
ट्रॉली पर थे मरीज, देखने तक नहीं पहुंचे जूनियर डॉक्टर

ओपीडी के साथ ही इमरजेंसी में भर्ती मरीजों को खासा परेशानियों का सामना करना पड़ा. टाटा वार्ड के गेट पर ट्रॉली पर भर्ती मरीजों को जूनियर डॉक्टर देखने तक नहीं आये. यही स्थिति सर्जिकल इमरजेंसी, मेडिकल इमरजेंसी वार्ड की थी. मरीज के परिजनों ने बताया कि सीनियर डॉक्टर कभी-कभी आते थे, लेकिन नये मरीजों को भर्ती करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. वहीं दूसरी ओर प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक सुबह 8:30 बजे काउंटर खुला. करीब एक घंटे तक रजिस्ट्रेशन हो रहा था. लेकिन 9:30 बजे जूनियर डॉक्टर पहुंच गये और सभी कर्मियों को बाहर निकाल ताला जड़ दिया. सुबह 8:30 से दोपहर 1:30 बजे कुल पांच घंटे में महज 945 मरीजों का ही रजिस्ट्रेशन हो पाया. इससे एक हजार से अधिक मरीज बिना इलाज के ही लौट गये. कई पुराने मरीजों को डॉक्टरों ने फॉलोअप में देखा, तो कुछ मरीजों का इलाज पुराने पर्चे पर किया गया. 500 से ज्यादा लोगों की पैथोलॉजी, रेडियोलॉजी समेत दूसरे विभागों में जांच नहीं हो सकी.

पीएचसी से बुलाये गये 20 डॉक्टर तो मिल थोड़ी राहत

इमरजेंसी वार्ड में भर्ती मरीजों को परेशानी नहीं हो इसको देखते हुए अस्पताल प्रशासन ने सिविल सर्जन डॉ केके राय से 20 अतिरिक्त डॉक्टरों की मांग की. शुक्रवार की दोपहर में सिविल सर्जन के निर्देश 20 अतिरिक्त डॉक्टरों को पीएमसीएच भेजा गया. पीएचसी से आये डॉक्टरों ने जैसे ही इमरजेंसी वार्ड में कमान संभाली तो मरीजों को थोड़ी राहत मिली. बिहटा, बिक्रम, दानापुर, मनेर, पुनपुन, धनरूआ, बाढ़, बख्तियारपुर और पटना सदर पीएचसी में तैनात डॉक्टरों की ड्यूटी लगायी गयी है. हड़ताल अवधि तक सभी डॉक्टर पीएमसीएच में मरीजों का इलाज करते रहेंगे.

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