11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Prabhat Khabar Special: संथाल परगना के पानी में घुला आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन, झारखंड सरकार की रिपोर्ट

Prabhat Khabar Special: दुमका जिले की 53 बस्तियों में पानी में आयरन की मात्रा अधिक हो गयी है, जबकि पाकुड़ की 5, जामताड़ा की 4 और साहिबगंज की 3 बस्तियों के पानी में फ्लोराइड की मात्रा सामान्य से ज्यादा हो गयी है. साहिबगंज के राजमहल प्रखंड में पानी में आर्सेनिक की पुष्टि हुई है.

Prabhat Khabar Special: संथाल परगना के भू-जल में आर्सेनिक, फ्लोराइड और आयरन की मात्रा सामान्य से अधिक है, जो इंसान की सेहत के लिए खतरनाक है. इनकी वजह से लोगों को कई तरह की घातक बीमारियां हो सकती हैं. झारखंड सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता विभाग की एक रिपोर्ट से इस बात का खुलासा हुआ है कि संथाल परगना में कम से कम 65 गांवों/टोलों/बस्तियों में लोग प्रदूषित पानी पी रहे हैं.

दुमका में आयरन, पाकुड़, जामताड़ा, साहिबगंज में फ्लोराइड

झारखंड सरकार ने बताया है कि पिछले दिनों 2.19 लाख से अधिक पानी के सैंपल की जांच के बाद मालूम हुआ कि झारखंड की 106 बस्तियों के भू-जल में आर्सेनिक, फ्लोराइड या आयरन की मात्रा अधिक पायी गयी है. दुमका जिले की 53 बस्तियों में पानी में आयरन की मात्रा अधिक हो गयी है, जबकि पाकुड़ की 5, जामताड़ा की 4 और साहिबगंज की 3 बस्तियों के पानी में फ्लोराइड की मात्रा सामान्य से ज्यादा हो गयी है. साहिबगंज के राजमहल प्रखंड में पानी में आर्सेनिक की पुष्टि हुई है.

Also Read: हजारीबाग के 8 प्रखंड की 24 बस्तियों का पानी प्रदूषित, लोग पी रहे फ्लोराइड और आयरन युक्त पानी
दुमका के 5 प्रखंडों 27 बस्तियों के पानी में घुला आयरन

दुमका जिला के 5 प्रखंडों (दुमका, जामा, जरमुंडी, मसलिया और सरैयाहाट) की 27 बस्तियों का पानी ‘जहरीला’ हो चुका है. रिपोर्ट के मुताबिक, दुमका की एक पंचायत, जामा की 4 पंचायतों, जरमुंडी की 3 पंचायतों, मसलिया की 7 पंचायतों और सरैयाहाट की सबसे ज्यादा 12 पंचायतों के पानी में आयरन की मात्रा ज्यादा पायी गयी है.

जानें, दुमका प्रखंड की किस पंचायत में कितने टोले का पानी है प्रदूषित

दुमका प्रखंड की भुरकुंडा पंचायत अंतर्गत भुरकुंडा गांव के कुम्हार टोला के पानी में आयरन की मात्रा अधिक पायी गयी है. इसी तरह जामा प्रखंड की 4 पंचायतों चिगलपहाड़ी, चिकनिया, खटंगी, सरसाबाद के भू-जल में लौह तत्व की मात्रा ज्यादा है. चिगलपहाड़ी पंचायत के घोघरा, नोनी और पलासबनी गांवों के पानी में आयरन घुला हुआ है. घोघरा की नीचे टोला बस्ती, नोनी की मध्य टोला और रानीगर टोला, पलासबनी की मुख्य टोला और पलासबनी के पानी में लोहा हानिकारक स्तर तक पहुंच चुका है. चिकनिया पंचायत के खिलकिनारी गांव के हरिजन टोला में भी पानी में लोहा अधिक मिला है.

दुमका प्रखंड की खटंगी पंचायत का हाल

खटंगी पंचायत में बिचकोरा, चोरकटा, चोरकटा कीता, हेटबहियार और पहाड़ीडीह गांव के पानी में आयरन की मात्रा सामान्य से ज्यादा पायी गयी है. बिचकोरा गांव के संथाल टोला में, चोरकटा के संथाल टोला में, चोरकटा कीता के चोरकटा कीता में, हेटबहियार के पहाड़ी टोला में और पहाड़ीडीह गांव के ऊपर टोला में भी यह समस्या पायी गयी है.

Also Read: Jharkhand News: चतरा के 8 प्रखंड की 12 पंचायतों की 14 बस्तियों में लोग पी रहे फ्लोराइडयुक्त पानी
सरसाबाद पंचायत की दो गांवों के पानी में आयरन ज्यादा

सरसाबाद पंचायत में मुन्नाला और मुरमाला दो ऐसे गांव हैं, जहां के पानी में आयरन की मात्रा अधिक पायी गयी है. मुनमाला की मुंडमाला संथाल टोला बस्ती में जबकि मुरमाला की संथाल टोला बस्ती में ऐसी स्थिति देखी गयी है.

जरमुंडी की दो पंचायतों के पानी में लौह तत्व मान्य मात्रा से अधिक

जरमुंडी प्रखंड की दो पंचायतों में पानी में आयरन की मात्रा मान्य स्तर से ज्यादा है. चोरखेदा पंचायत के चोरखेदा गांव स्थित चोरखेदा बस्ती और पुतली डाबर पंचायत के मंडलडीह गांव में स्थित संथाल टोला के पानी में आयरन की मात्रा अब नुकसान पहुंचाने की स्थिति में आ गयी है.

मसलिया की 7 पंचायतों के पानी में आयरन ज्यादा

मसलिया प्रखंड की 7 पंचायतों के पानी में सामान्य से ज्यादा मात्रा में आयरन घुल चुका है. जिन पंचायतों में यह स्थिति है, उनमें आमगाछी, डलाही, गोलबांधा, गुमरो, हारोरायडीह, मसानजोर और रंगा शामिल हैं. आमगाछी पंचायत के आमगाछी गांव के डहरलंगी बस्ती, डलाही पंचायत के चुहादाहा गांव के चितन टोला, गोलबांधा पंचायत के धुनाबासा गांव की धुना बासा और राना पाड़ा बस्ती, गुमरो पंचायत के पडरिया गांव स्थित बंगाली टोला, हारोरायडीह पंचायत स्थित पलासी गांव के जिलिंग टोला, मारीडीह टोला और पलासी बस्ती के पानी में आयरन खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है. इसी पंचायत के तालडांगल गांव के संथाली टोला में भी स्थिति ऐसी ही हो गयी है.

Also Read: झारखंड के 7 जिलों की 106 बस्तियों के पानी में घुला ‘जहर’, पीना है खतरनाक
मसानजोर में भी आयरन की मात्रा है ज्यादा

मसानजोर पंचायत के सिंगटूटा गांव के हरिजन टोला, संथाल टोला, सिंगटूटा बस्ती के साथ-साथ रांगा पंचायत के झिलुवा गांव स्थित बंगाली पाड़ा में आयरन की मात्रा सामान्य से अधिक मात्रा में घुल चुका है, जो लोगों की सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.

सरैयाहाट की सबसे ज्यादा 12 पंचायतों के पानी में आयरन

सरैयाहाट प्रखंड की सबसे ज्यादा 12 पंचायतों बाभनखाता, बनियारा, धौनी, गाड़ीझोपा, हंसडीहा, केंदुआ, कुशियारी, लकरबांक, मंडलडीह, माथाकेशो, नावाडीह और रक्सा में भू-जल में आयरन की मात्रा अधिक पायी गयी है. बाभनखाता पंचायत के खुरवा गांव की कुरवा बस्ती, बनियारा पंचायत के बरियारा गांव स्थित तेली टोला, धौनी पंचायत के धौनी गांव स्थित मंडल टोला, गाड़ीझोपा पंचायत स्थित कुसबेदिया गांव की कुसबेदिया बस्ती, हंसाडीह पंचायत में हंसाडीह गांव के हटिया टोला, हंसडीहा पंचायत के पारखेता गांव, केंदुआ पंचायत के खुटाहारी गांव के ऊपर टोला, कुशियारी पंचायत के बशेरवा उर्फ ढोबा गांव के बसबेरवा में पानी में आयरन अधिक है.

यहां के पानी में भी है ज्यादा लोहा

लकरबांक पंचायत के जमजोरी गांव, लकरबांक गांव के खेतौरी टोला, लकरबांक, सेमरा घाघरबाड़ी गांव के सिमरघाघर में जो पानी जमीन से निकालते हैं, उसमें आयरन की मात्रा सामान्य मात्रा से ज्यादा है. इसी तरह मंडलडीह पंचायत के चिलरा गांव के प्रधान टोला, मंडलडीह गांव, मटिहारा गांव के नीचे टोला, तेतरिया गांव, माथाकेशो गांव के हरिजनटोला, मंडल नीचे टोला और मंडलकेशो एवं तेतरिया गांव में पानी में लौह तत्व की मात्रा अधिक है.

नावाडीह पंचायत के कई गांवों में अधिक है लौह तत्व

नावाडीह पंचायत के टिटमो गांव के मध्य टोला, रक्सा पंचायत के धावाटांड़ गांव के धावाटांड़ और रक्शा गांव के मंडल टोला में आयरन की मात्रा पायी गयी है.

जामताड़ा की 4 बस्तियों में फ्लोराइड की मात्रा अधिक

जामताड़ा जिला के फतेहपुर प्रखंड की धसनिया पंचायत के दो गांवों की 4 बस्तियों के भू-जल में फ्लोराइड की मात्रा जरूरत से ज्यादा है. धसनिया पंचायत में धातुला गांव की धातुला और नया पाड़ा बस्ती में और रूपडीह गांव के महतो टोला 2 और नया टोला में पानी विषाक्त हो गया है.

पाकुड़ के 3 प्रखंड की 5 बस्तियों में फ्लोराइड

संथाल परगना के ही पाकुड़ जिला में 3 प्रखंडों की 4 पंचायतों में स्थित 4 गांवों की 5 बस्तियों में फ्लोराइड की मात्रा सामान्य से अधिक पायी गयी है. जिन प्रखंडों में पानी में फ्लोराइड की मात्रा अधिक पायी गयी है, उनमें लिट्टीपाड़ा, महेशपुर और पाकुड़िया शामिल हैं. लिट्टीपाड़ा प्रखंड की बड़ा घघारी पंचायत के धरमपुर गांव की धरमपुर बस्ती में पानी में फ्लोराइड घुल चुका है.

इन गांवों के पानी में भी घुला है फ्लोराइड

महेशपुर प्रखंड की दो पंचायतों छाकुधारा और दमदमा के छाकुधारा और एठा पाड़ा गांव की क्रमश: सड़क टोला और एठा पाड़ा के पानी में भी यह विषाक्त तत्व ज्यादा मात्रा में पाया गया है. पाकुड़िया प्रखंड की बनियापासर पंचायत के सिंहलिबोना गांव के पहाड़िया टोला और सिंहलिबोना बस्ती का पानी पीना सेहत के लिए हानिकारक हो गया है.

राजमहल के बुधन टोला के पानी में मिला आर्सेनिक

साहिबगंज में 2 प्रखंडों (बरहेट और राजमहल) की दो पंचायतों (बर बांध और महासिंहपुर) के दो गांवों इलाकी और महासिंहपुर में पानी दूषित पाया गया है. बरहेट प्रखंड के इलाकी गांव के जेनुम टोला और रजवार टोला में फ्लोराइड की मात्रा पायी गयी है, तो राजमहल प्रखंड के महासिंहपुर गांव के बुधन टोला में आर्सेनिक की मात्रा पायी गयी है.

रांची, हजारीबाग और चतरा का पानी भी हो चुका है दूषित

उल्लेखनीय है कि रांची की दो बस्तियों के पानी में आयरन की मात्रा अधिक है, तो हजारीबाग की 23 बस्तियों में फ्लोराइड और दो बस्तियों में आयरन की मात्रा अधिक पायी गयी है. चतरा की 14 बस्तियों में फ्लोराइड सामान्य से अधिक मात्रा में मौजूद है.

फ्लोराइड से बढ़ता है फ्लोरोसिस का प्रकोप

फ्लोराइडयुक्त पानी पीने से फ्लोरोसिस नाम की बीमारी होती है, जिसकी वजह से हड्डियां कमजोर होकर टूट जाती हैं. लोगों के हाथ-पैर टेढ़े हो जाते हैं. बच्चों के दांत पीले हो जाते हैं. कहा जाता है कि इसकी वजह से कैंसर और गुर्दे की बीमारी के अलावा बांझपन जैसी समस्या भी बढ़ जाती है. पानी में फ्लोराइड की मात्रा 0.5 मिलीग्राम प्रति लीटर तक विदेशों में मान्य है, जबकि भारत में यह मात्रा 1.0 मिलीग्राम निर्धारित है.

पानी में आयरन की अधिकता से किडनी में बनती है पथरी

पानी में अगर आयरन की मात्रा अधिक हो जाती है, तो उसकी वजह से लोगों को पेट संबंधी बीमारियां होने लगती हैं. खाना ठीक से नहीं पकता. अधपका भोजन ठीक से हजम नहीं होता और पेट दर्द एवं दस्त की समस्या बढ़ जाती है. लगातार पानी पीने से किडनी में परत जमती जाती है और बाद में यह पथरी का रूप ले लेता है.

आर्सेनिक की वजह से होती हैं कई बीमारियां

पानी में सामान्य से अधिक आर्सेनिक घुल जाये और लोग उसका सेवन करें, तो इससे हड्डी व चमड़े की बीमारियां होती हैं. मोटापा बढ़ जाता है. हथेलियों और तलवों पर घाव निकल आते हैं. आर्सेनिक की वजह से रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचता है. आंशिक पक्षाघात की आशंका बढ़ जाती है. अंधापन, ऐंठन आदि की भी समस्या बढ़ जाती है.

आईवीएफ का दावा- आर्सेनिक से 10 लाख लोगों की हुई मौत

इनर वॉयस फाउंडेशन (आईवीएफ) का दावा है कि 30 वर्षों में भारत में आर्सेनिकयुक्त पानी पीने की वजह से 10 लाख से अधिक लोगों की मौत हो गयी है. भारत में 5 करोड़ लोग आर्सेनिक के प्रभाव में हैं. त्वचा रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि आर्सेनिक की अधिकता से गर्भपात, स्टिलबर्थ, प्रीटर्म बर्थ हो सकता है. जन्म के समय बच्चे का वजन कम रह जाता है. नवजात की मृत्यु का जोखिम 6 गुना तक बढ़ जाता है.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें