प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के एकता नगर में राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मैं इस सम्मेलन में उपस्थित सभी राज्यों से पर्यावरण संरक्षण में सर्वोत्तम प्रथाओं को सीखने और पूरे भारत में सफल समाधान लागू करने का आग्रह करता हूं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि शहरी नक्सलियों और विकास विरोधी तत्वों ने राजनीतिक समर्थन से सरदार सरोवर बांध के निर्माण को रोक दिया था. सुनिश्चित करें कि व्यवसाय को सुगम बनाने या जीवन को आसान बनाने वाली परियोजनाएं केवल पर्यावरण के नाम पर अनावश्यक रूप से रुकी ना रहें.
Gujarat | I urge all states present at this conference to learn best practices in environmental conservation and implement successful solutions pan India: PM Narendra Modi, addressing the National Conference of Environment Ministers being held in Ekta Nagar pic.twitter.com/ZNIuU7gyaY
— ANI (@ANI) September 23, 2022
एकता नगर में आयोजित हो रहे पर्यावरण मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम ऐसे समय मिल रहे हैं, जब भारत अगले 25 साल के लिए नए लक्ष्य तय कर रहा है. मुझे विश्वास है कि आपके प्रयासों से पर्यावरण की रक्षा में भी मदद मिलेगी और भारत का विकास भी उतनी ही तेज गति से होगा. उन्होंने कहा कि आज का नया भारत, नई सोच, नई अप्रोच के साथ आगे बढ़ रहा है. आज भारत तेजी से विकसित होती इकोनॉमी भी है, और निरंतर अपनी को भी मजबूत कर रहा है. हमारे forest cover में वृद्धि हुई है और wetlands का दायरा भी तेज़ी से बढ़ रहा है.
आगे पीएम मोदी ने कहा कि अपने कमिटमेंट को पूरा करने के हमारे ट्रैक रिकॉर्ड के कारण ही दुनिया आज भारत के साथ जुड़ भी रही है. बीते वर्षों में गिर के शेरों, बाघों, हाथियों, एक सींग के गेंडों और तेंदुओं की संख्या में वृद्धि हुई है. कुछ दिन पहले मध्य प्रदेश में चीता की घर वापसी से एक नया उत्साह लौटा है.
इससे पहले पीएमओ ने जानकारी दी थी कि सहकारी संघवाद की भावना को आगे बढ़ाते हुए बहुआयामी दृष्टिकोण के माध्यम से प्लास्टिक प्रदूषण का उन्मूलन व लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरन्मेंट (लाइफ) को ध्यान में रखते हुए जलवायु परिवर्तन की चुनौती का प्रभावी मुकाबला करने की राज्यों की कार्य योजनाओं जैसे मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच और अधिक तालमेल बनाने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन 23 और 24 सितंबर को किया जा रहा है.
सम्मेलन में अवक्रमित भूमि की बहाली और वन्यजीव संरक्षण पर विशेष जोर देने के साथ ही वन क्षेत्र बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. इस दो दिवसीय सम्मेलन में छह विषयगत सत्र होंगे. इनमें लाइफ, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां, पर्यावरण परियोजनाओं के लिए एकल खिड़की निकासी सुविधा से जुड़ी परिवेश योजना, वन प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण व रोकथाम, वन्यजीव प्रबंधन और प्लास्टिक और कचरा प्रबंधन जैसे विषयों को शामिल किया गया है.
भाषा इनुपट के साथ