पंजाब में राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और आम आदमी पार्टी की भगवंत मान सरकार के बीच विवाद गहराता नजर आ रहा है. राज्यपाल ने पंजाब सरकार के द्वारा बुलायी गयी विधानसभा के विशेष सत्र को बुधवार को देर रात रद्द कर दिया. अब इस मुद्दे को भगवंत मान सरकार सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी कर रही है.
क्या है मामला
विशेष सत्र आहूत करने का फैसला वापस लिए जाने के कदम को वह उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे. गौरतलब है कि पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने विश्वास प्रस्ताव पेश करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की योजना को बुधवार को विफल कर दिया. राज्यपाल ने बृहस्पतिवार को विशेष सत्र आहूत करने के पिछले आदेश को वापस लेते हुए कहा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राजभवन से संपर्क कर कहा था कि सदन के नियमों के अनुसार इसकी अनुमति नहीं है. राज्यपाल के अनुसार, इसके बाद कानूनी राय मांगी गई और आयोजित करने का फैसला वापस ले लिय गया. आप’ सरकार ने विश्वास प्रस्ताव लाने के लिए विशेष सत्र आहूत करने की मांग की थी. इससे कुछ दिन पहले ही आप ने भाजपा पर उसकी सरकार गिराने की कोशिश करने का आरोप लगाया था.
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27 को पंजाब विधानसभा का सत्र
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बृहस्पतिवार को कहा कि विधानसभा का सत्र 27 सितंबर को आयोजित होगा. राज्य विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का फैसला राज्यपाल द्वारा वापस लिए जाने के बाद राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया. मान ने कहा, आज यहां मंत्रिमंडल की बैठक हुई जिसमें सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि विधानसभा का सत्र 27 सितंबर को आयोजित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस सत्र में बिजली और पराली जलाने जैसे मुद्दों पर चर्चा होगी.
आप विधायकों ने विधानसभा का विशेष सत्र आहूत नहीं होने के विरोध में मार्च निकाला
आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने पंजाब विधानसभा का विशेष सत्र आहूत करने का फैसला वापस लिए जाने के विरोध में बृहस्पतिवार को मार्च निकाला. विधायकों के हाथ में लोकतंत्र की हत्या बंद करो तथा ऑपरेशन लोटस मुर्दाबाद जैसे नारे वाली तख्तियां थीं. पार्टी ने कांग्रेस तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आपस में मिले होने और राज्य में विधानसभा का विशेष सत्र नहीं होने देने के लिए मिलकर काम करने का आरोप लगाया. विधायकों को हालांकि राज्यपाल के आवास की ओर बढ़ने से रोक दिया गया. पुलिस ने विधानसभा परिसर से दो किलोमीटर तक के दायरे में अवरोधक लगा दिए थे. इस विरोध प्रदर्शन में राज्य का कोई मंत्री शामिल नहीं हुआ. करीब दो घंटे तक प्रदर्शन करने के बाद आप के विधायकों को तितर-बितर किया गया.