Navratri 2022: इस साल महालय (Navratri 2022) 25 सितंबर को मनाया जाएगा और उसके ठीक अगले दिन यानी 26 सितंबर से नवरात्रि शुरू हो जाएगी. शारदीय नवरात्रि सोमवार से शुरू हो रहा है. नवरात्रि के पहले दिन शुक्ल व ब्रह्म योग का अद्भभुत संयोग बनने के कारण इसे बेहद खास माना जा रहा है. इस साल नवरात्रि पर माता रानी हाथी की सवारी से पृथ्वी पर आगमन करेंगी. वहीं मां की सवारी को बेहद शुभ माना जा रहा है.
शारदीय नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है. हिंदू धर्म में किसी भी पूजा अनुष्ठान से पहले कलश स्थापना का खास महत्व है. शास्त्रों के अनुसार हर शुभ कार्य को शुभ समय में करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है. ऐसे में आज हम जानते हैं नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त और सही समय के बारे में.
नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना से पहले घर की उत्तर-पूर्व दिशा को साफ कर लेना जरूरी है. फिर मां की चौकी लगाएं और लाल रंग के कपड़े बिछाएं. उसके बाद मां दु्र्गा की मूर्ति स्थापित करें. मूर्ती स्थापित के बाद सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करें और कलश की स्थापना करें. इसके लिए एक नारियल लें और उस पर चुनरी लपेटें फिर कलश के मुख पर मोली बांधें. इसके बाद कलश में जल भरकर उसमें एक लौंग का जोड़ा, एक सुपारी, हल्दी की गांठ, दूर्वा और एक रुपये का सिक्का कलश में डालें. कलश के ऊपर आम के पत्ते लगाएं और उसके ऊपर नारियल स्थापित करें. इसके बाद ये कलश मां दुर्गा की मूर्ति के दाईं और स्थापित करें. इसके बाद मां दु्र्गा का आह्वान जरूर करें.
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इस बार महालया 25 सितंबर को है. ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4:35 से शुरू होकर 5:23 बजे तक जबकि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:48 बजे से दोपहर 12:37 बजे तक है. गोधुली मुहूर्त के आने का समय शाम 6:02 बजे से शाम 6:26 बजे तक है और विजय मुहूर्त का समय दोपहर 2:13 बजे से 3:01 बजे तक है.
घटस्थापना अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 48 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 36 मिनट तक है. अभिजीत मुहूर्त की कुल अवधि 48 मिनट है.