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Hijab Controversy: हिजाब विवाद मामले में SC की सलाह, कहा- दलील समाप्त करें, हमारा धैर्य जवाब दे रहा है

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग केनवदगी और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने राज्य सरकार की ओर से दलील दी, जबकि वरिष्ठ वकीलों दुष्यंत दवे और सलमान खुर्शीद ने मुस्लिम याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखा.

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध विवाद में बुधवार को याचिकाकर्ताओं से अपनी दलीलें खत्म करने की सलाह दी. कोर्ट ने कहा कि अब हम अपना धैर्य खो रहे हैं. नौवें दिन मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा कि वह याचिकाकर्ताओं के वकीलों को गुरुवार को अपनी दलीलें समाप्त करने के लिए सिर्फ एक घंटे का समय देगी.

अब यह सुनवाई का ओवरडोज है- कोर्ट

न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ ने याचिकाकर्ताओं में से एक के लिए पेश वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी से कहा, हम आप सभी को एक घंटे का समय देंगे. आप इसे खत्म कर दें. अब, यह सुनवाई का ओवरडोज है. पीठ ने कहा कि कई वकील पहले ही उसके सामने अपनी दलीलें रख चुके हैं. इसने कहा, हम अपना धैर्य खो रहे हैं.

राज्य सरकार की ओर से तुषार मेहता ने रखा पक्ष

अहमदी ने पीठ की प्रशंसा करते हुए कहा, मुझे अवश्य कहना चाहिए कि आपने (खंडपीठ ने) हमें बेहद धैर्य के साथ सुना है. पीठ ने हल्के फुल्के अंदाज में कहा, क्या आपको लगता है कि हमारे पास कोई और विकल्प है? सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता और कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग केनवदगी और अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने राज्य सरकार की ओर से दलील दी, जबकि वरिष्ठ वकीलों दुष्यंत दवे और सलमान खुर्शीद ने मुस्लिम याचिकाकर्ताओं का पक्ष रखा.

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सरकार ने बताया हिज़ाब प्रतिबंध केवल कक्षाओं में

कर्नाटक सरकार ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया था कि राज्य सरकार ने हिजाब प्रतिबंध विवाद में किसी भी धार्मिक पहलू को नहीं छुआ है और यह प्रतिबंध केवल कक्षा तक सीमित है. राज्य सरकार ने कहा कि यहां तक कि कक्षा के बाहर स्कूल परिसरों में भी हिजाब पर प्रतिबंध नहीं है. राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने जोर देकर कहा कि राज्य ने केवल यह कहा है कि शैक्षणिक संस्थान छात्रों के लिए वर्दी निर्धारित कर सकते हैं, जिसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है.

(भाषा- इनपुट के साथ)

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