Nagar Nigam Election में पहली बार जनता के दरबार में वोट के लिए उतरे मेयर, उप मेयर के उम्मीदवार हर तरह से जोर-आजमाइश में लग गये हैं. चुनाव होने व रिजल्ट में भले ही अभी एक माह का समय बचा है, लेकिन नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ सरगर्मी तेज हो गयी है. राजनीतिक जमीन को मजबूत करने के लिए जहां एक ओर प्रचार-प्रसार का दौर तेज हो गया है. वहीं, दूसरी ओर चुनावी खर्च के लिए पुरखों की अर्जित अपनी संपत्ति को भी दांव पर लगा कई उम्मीदवार चुनावी रणभूमि में उतर अपनी ताकत का एहसास करा रहे हैं. यही नहीं, पार्षद बनने के लिए एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े नेता ने तो शहर के एक प्रतिष्ठित महिला कॉलेज की नौकरी से ही त्यागपत्र दे दिया है. इन्होंने अपना नामांकन पत्र भी दाखिल कर दिया है. इस बार प्रत्याशियों के बीच मुकाबला कड़ा होने के मद्देनजर एक-दूसरे को पछाड़ने के लिए हर तरह की तरकीब लगायी जा रही है. अभी से ही मान-मनौव्वल से लेकर भोज-भात का भी दौर शुरू हो गया है.
पहले पार्षद द्वारा मेयर-उप मेयर का चुनाव होने के कारण धन-बल का बोलबाला था. मेयर, उप मेयर के जो उम्मीदवार होते थे, वे पार्षद के चुनाव से ही खर्च करना शुरू कर देते थे. यही कारण है कि हर बार चुनाव में मेयर, उप मेयर के कैंडिडेट के ऊपर पार्षदों के खरीद-फरोख्त का आरोप लगते रहा है. सरकार व आयोग ने इसे रोकने के लिए ही पहली बार सीधे जनता से मेयर, उप मेयर का चुनाव कराने का निर्णय लिया. लेकिन, इस बार भी जिस तरीके से मेयर, उप मेयर के कैंडिडेट मैदान में उतरे हैं. इससे धन-बल का खेल नहीं हो, इससे इनकार नहीं किया जा सकता है. हालांकि, आयोग व जिला प्रशासन की इस पर कड़ी निगाह भी है.
नगर निगम चुनाव में खड़ा होने एवं प्रत्याशी के समर्थक व प्रस्तावक बनने के लिए कुल 980 लोगों ने बकाया नहीं होने का सर्टिफिकेट (एनओसी) लिया है. इसमें मेयर, उप मेयर के साथ पार्षद के कैंडिडेट होंगे. इससे चुनावी मैदान में 300-330 के बीच उम्मीदवार के मैदान में उतरने की संभावना है. मेयर, उप मेयर के लिए अगर 15-15 कैंडिडेट होते हैं, तब शहर के कुल 49 वार्डों में पार्षद के लिए मैदान में 280-300 के बीच उम्मीदवार होंगे.