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UGC ने दो नए SWAYAM PG कोर्स की घोषणा की, 8 भारतीय भाषाओं में ले सकते हैं एडमिशन

यूजीसी के 8 अगस्त 2022 को ‘यूजीसी ई संसाधन पोर्टल' प्रारंभ करने एवं उसके एकीकरण की पहल को लेकर जारी पत्र की बातों को आगे बढ़ाते हुए आयोग ने दो और ‘एमओओसी कोर्स' को स्वयं पोर्टल एवं यूजीसी ई संसाधन पोर्टल पर अपलोड किया है जिसमें एक्सेस टू जस्टिस (न्याय तक पहुंच) और पर्यावरण कानून शामिल हैं.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने न्याय तक पहुंच और पर्यावरण कानून विषय पर दो और स्नातकोत्तर वृहद मुक्त ऑनलाइन कोर्स (एमओओसी) की घोषणा की जिन्हें स्वयं पोर्टल पर आठ भारतीय भाषाओं में जारी किया गया है. यूजीसी के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.

यूजीसी के 8 अगस्त 2022 को ‘यूजीसी ई संसाधन पोर्टल’ प्रारंभ करने एवं उसके एकीकरण की पहल को लेकर जारी पत्र की बातों को आगे बढ़ाते हुए आयोग ने दो और ‘एमओओसी कोर्स’ को स्वयं पोर्टल एवं यूजीसी ई संसाधन पोर्टल पर अपलोड किया है जिसमें एक्सेस टू जस्टिस (न्याय तक पहुंच) और पर्यावरण कानून शामिल हैं.

आयोग के बयान के अनुसार, अभी आठ भारतीय भाषाओं हिन्दी, गुजराती, मराठी, तेलुगू, बंगला, कन्नड़, मलयाली, तमिल में 27 एमओओसी कोर्स इन पोर्टल पर उपलब्ध हैं . यूजीसी के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने देश के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों एवं कालेजों के प्राचार्यो को 20 सितंबर को पत्र लिखकर जानकारी दी और इन दोनों विषयों के लिंक को अपनी संस्थाओं के होमपेज से जोड़ने का अनुरोध किया . पत्र में विश्वविद्यालयों एवं कालेजों से इन दोनों पोर्टल को लेकर छात्रों में जागरूकता फैलाने एवं इसके लाभ से अवगत कराने का भी आग्रह किया गया है.

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के कार्य University Grants Commission Functions

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू०जी०सी) के कार्यो का क्षेत्र बहुत व्यापक है क्योंकि इसके अंतर्गत समस्त देश के विश्वविद्यालय आते है और उनके संचालन हेतु समग्र नीति-नियमों के निर्माण करने की जिम्मेदारी इसकी ही होती हैं.

  • यह विश्वविद्यालय निर्माण करने की अनुमति एवं मान्यता प्रदान करने का कार्य करती हैं.

  • विश्वविद्यालय की शैक्षिक गुणवत्ता एवं समानता बनाए रखने हेतु यह सरकार को उचित परामर्श देता है परामर्श देने से पहले यह विश्वविद्यालय का निरीक्षण कर उचित स्रोतों एवं जानकारियों को एकत्रित करता हैं.

  • नए विश्वविद्यालयों के निर्माण हेतु यह क्षेत्रीय एवं प्रांतीय सरकारों को समक्ष सुझाव प्रस्तुत करता हैं.

  • यह समय-समय पर सामाजिक आवश्यकताओं का अध्ययन कर पाठ्यक्रम में संशोधन करने का कार्य करता है और बदलते सामाजिक परिप्रेक्ष को देखते हुए यह नवीन मूल्यांकन पद्धति को भी अपनाने का कार्य कराया हैं.

  • विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा उन छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है जो विदेशों में अनुसंधान कार्यक्रमों द्वारा जाते है एवं अनुसंधान संबंधित सामग्री एवं नीतियों के निर्माण का कार्य भी इसी के द्वारा किया जाता हैं.

  • उच्च शिक्षा के शिक्षकों की योग्यता,परीक्षा,पाठ्यक्रम, वेतन एवं अन्य नीति-नियमों का निर्धारण भी इसी के द्वारा दिया जाता है और इनके संबंध में अध्ययन कर उचित संशोधन करने हेतु सरकार को सलाह एवं परामर्श देने का कार्य भी इसी के द्वारा किया जाता हैं.

  • शिक्षकों की पदोन्नति करना,शिक्षकों का एक जगह से दूसरी जगह स्थानांतरण करना.

  • शिक्षक-शिक्षा हेतु नवीन पाठ्यक्रम का निर्धारण करना, शिक्षक शिक्षा में नवीन संशोधन करना एवं शिक्षक बनने हेतु आवश्यक न्यूनतम योग्यताओं का निर्धारण कर उसे लागू करना.

  • यह आवश्यकतानुसार विश्वविद्यालयों में कार्यक्रम एवं समारोह का आयोजन करते रहता है जिससे लोग उच्च शिक्षा की आवश्यकताओं को समझ सकें एवं विश्वविद्यालयी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सकें.

  • यह राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (National Eligibility Test) हेतु योजनाओं के निर्माण के साथ-साथ न्यूनतम योग्यताओं एवं परीक्षा कार्यक्रमों का आयोजन करता हैं.

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