Bihar के वाल्मीकि नगर टाइगर रिजर्व के पास के गांवों में हिंसक हो चुके बाघ को काबू में करने के लिए वन विभाग अब बड़ी तैयारी कर रहा है. बाघ की निगरानी ड्रोन कैमरे से भी किया जा रहा है. बाघ के पगमार्क के अनुसार पता चल रहा है कि वह जंगल और सरेह के करीब अपना ठिकाना बनाए हुए है. वही लोगों की सुरक्षा के लिए रात्रि ड्यूटी में वन कर्मियों को लगाया गया है. जो जंगल के किनारे आग जलाकर अपनी ड्यूटी करते नजर आ रहे हैं.
हरनाटांड़ वन क्षेत्र के रेंजर रमेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि बीते करीब एक सप्ताह से लगातार 24 घंटे वन कर्मियों की तीन शिफ्ट में तीन अलग-अलग जगहों पर बैरिया काला गांव के पास कैंप कर रही है. तीन-तीन वनरक्षी के नेतृत्व में टीटी-पीपी लाठी डंडे के साथ बाघ की निगरानी में जुटे हुए हैं. फिलहाल जंगल के किनारे ही बाघ की गतिविधि मिल रही है. दो दिनों से ड्रोन कैमरा से भी बाघ की गतिविधि पर नजर रखी जा रही हैं.
वन विभाग की सभी कवायदें विफल साबित हो रही. हरनाटांड़ वन क्षेत्र के जंगल व सीमावर्ती इलाके में आसपास बाघ की मौजूदगी आज भी रही. वीटीआर के लोग काम करने को विवश. किसानों की दिनचर्या कैसे चलेगी. अब तो बाघ के डर से किसान अपने खेतों में खेती करने नहीं जा रहे हैं.
वीटीआर के वन संरक्षक सह क्षेत्र निदेशक डॉ. नेशामणी के. ने बताया कि बाघ के पग चिह्न के अनुसार पता चल रहा है कि वह जंगल के किनारे अपना ठिकाना बनाए चहलकदमी कर रहा हैं. ऐसे में सावधानी काफी जरूरी है. मानव-बाघ संघर्ष की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण व वन्यजीवों की मॉनीटरिंग के लिए वन कर्मियों की आठ-आठ घंटे की ड्यूटी लगाई गई है. बाघ की निगरानी के लिए पुख्ता इंतजाम हैं. इसके लिए जंगल में विभिन्न जगहों पर अतिरिक्त कैमरे लगाए गए हैं. ताकि बाघ की गतिविधियों के बारे में जानकारी मिल सके और चिन्हित किया जा सके कि कौन सा बाघ है जो इस तरह की घटना को अंजाम दे रहा है.
वहीं दूसरी ओर वन कर्मियों की टीम रात भर पहरा दे रही है. रात में वनकर्मी आग जला कर ड्यूटी कर रहे हैं. ड्यूटी के दौरान उन्हें पटाखे भी उपलब्ध कराए गए हैं. ताकि पटाखों की आवाज से बाघ सरेह व गांव का रुख नहीं करे. सुरक्षा के लिहाज से ग्रामीणों के साथ बैठक कर गोष्ठी आयोजित करने तथा उन्हें अकेले अपने खेत में नहीं जाने का भी सुझाव दिया जा रहा है. जंगल के अंदर जाने वाले सभी रास्तों पर कड़ी चौकसी बढ़ा दिया गया हैं.