Allahabad High Court News: कॉलेजियम की ओर से जजों की नियुक्ति की सिफारिश में बाहरी राज्यों के वकीलों का नाम भेजे जाने के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील शनिवार यानी 17 सितंबर को हड़ताल पर रहे. वकीलों की हड़ताल की वजह से इलाहाबाद हाईकोर्ट में मुकदमों की सुनवाई नहीं हो पाई. सुनवाई के लिए आए वादियों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि इस मुद्दे पर उनका विरोध लगातार जारी रहेगा लेकिन वादियों के हित को देखते हुए वे सोमवार से काम पर वापस लौट आएंगे. हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष राधाकांत ओझा का कहना है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की कॉलेजियम ने पिछले दिनों 16 वकीलों के नाम की लिस्ट सुप्रीम कोर्ट में भेजी थी. इन 16 नामों में जो वकील थे, उनमें से चार दिल्ली में प्रैक्टिस करने वाले हैं या दूसरे बाहरी राज्यों के हैं.
हाई कोर्ट के वकीलों का कहना है कि जिस राज्य में जजों की नियुक्ति हो रही है. उनमें वहीं के वकीलों के नाम की सिफारिश की जानी चाहिए. आयातित जजों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. इस बारे में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को पत्र भेज दिया गया है. हाई कोर्ट के बार एसोसिएशन ने प्रस्ताव भी पारित कर दिया है. इसके बावजूद अगर उनकी मांग पर गौर नहीं किया जाएगा तो आने वाले दिनों में फिर से बैठक कर आगे के आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी.
दरअसल, शुक्रवार को हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने इसी मुद्दे पर कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाई थी. इसमें लंच के बाद न्यायिक कार्य के विरत रहने का प्रस्ताव पास किया गया था. बैठक में एसोसिएशन के अध्ययन राधाकांत ओझा ने कहा कि हाई कोर्ट बार एसोसिएशन ने 16 मार्च 2022 व 23 अगस्त 2022 को मुख्य न्यायमूर्ति को भेजे प्रस्ताव में यह अनुरोध किया था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट में प्रधान पीठ व लखनऊ खंडपीठ में वकालत कर रहे वकीलों को ही न्यायाधीश नियुक्त करने की संस्तुति की जाए. मगर इस प्रस्ताव के बावजूद हाईकोर्ट कॉलेजियम ने न्यायाधीश के लिए उच्चतम न्यायालय के चार वकीलों के नाम प्रस्तावित किए हैं जो बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है. इसके बाद बैठक में शनिवार को काम न करने का ऐलान किया गया था.
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