Begusarai Firing: पटना पुलिस मुख्यालय ने बेगूसराय में 13 सितंबर की शाम को एनएच – 28 और 31 पर फायरिंग कर एक व्यक्ति की हत्या करने तथा नौ लोगों को घायल करने के उद्भेदन को अभी प्रारंभिक खुलासा माना है. एडीजीपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने शुक्रवार को प्रेस कान्फ्रेंस की चार अपराधियों की गिरफ्तारी और अब तक की कार्रवाई को साझा किया. इस दौरान पूछने पर कि वारदात में कितनी गोलियां चली हैं. एडीजीपी ने कहा- एसपी से पूछकर बताता हूं…
पूरी कार्रवाई में पुलिस प्रेशर में नजर आ रही है. पुलिस के द्वारा अरोपियों की गिरफ्तारी से लेकर प्रेसवार्ता तक पूरी हड़बड़ी में की गई है. जितेंद्र सिंह गंगवार ने साफ कहा कि आरोपियों का मकसद दहशत फैलाने था, मगर इस वारदात से जुड़ी कई कड़ियों को अभी जोड़ा जाना बाकी है. गोली कौन चलाया, किसके कहने पर चलायी गयी. बरामद हथियारों में किससे गोली चली. कुल कितने राउंड फायरिंग हुई, यह अभी स्पष्ट नहीं है. पुलिस एफएसएल की रिपोर्ट का इंतजार कर रही है.
एडीजीपी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि मामले में आठ कांड हत्या, हत्या के प्रयास और साजिश की विभिन्न धाराओं में दर्ज किये गये हैं. पुलिस जल्द ही चार्जशीट दाखिल करेगी. जिन सवालों के अभी उत्तर नहीं हैं चार्जशीट में सभी की भूमिका – संलिप्तता को स्पष्ट कर दिया जायेगा. गंगवार ने बताया कि इलाके में दहशत फैलाने के लिये बाइक सवारों द्वारा बछबाड़ा से बरौनी तक फायरिंग की गयी थी.
गोली चलाने और साजिश में शामिल चार अपराधी में सुमित कुमार हाजीपुर पीपरा वार्ड चार का रहने वाला है. चुनचुन कुमार उर्फ सत्यजीत, केशव कुमार उर्फ नगबा, युवराज सिंह उर्फ सोनू बेगूसराय के रहने वाले हैं. चारों हार्डकोर अपराधी है. चुनचुन पर हत्या लूट डकैती के छह मुकदमा दर्ज हैं . सुमित पर भी बरौनी थाना में कांड दर्ज है. चारों अपराधी कई बार जेल जा चुके हैं. एडीजीपी ने बताया कि इनसे घटना में प्रयुक्त किए गए दो देशी पिस्तौल, कारतूस , चार मोबाइल और एक बाइक बरामद की है. दो अन्य बाइक भी अपराधियों के घर से मिली हैं. पीली नारंगी टीशर्ट भी बरामद कर ली गयी है. वारदात के समय अपराधी उसे पहले हुए था.
एडीजीपी मुख्यालय ने बताया 22 स्थानों पर लगे सीसीटीपी फुटेज और सीडीआर के विश्लेषण के आधार पर घटना का प्रारंभिक खुलासा किया गया है. चारों अपराधियों की आपस में बातचीत, उनके बीच हुई चेटिंग, बरामद फोन में मिल तश्वीरों के आधार पर अपराधियों से पूछताछ की जा रही है. प्रमाणों का सत्यापन, हताहत और चश्मदीदों की गवाही के आधार पर जांच जारी है. चार्जशीट दाखिल होने तक मामले में गिरफ्तार अपराधियों की संख्या बढ़ सकती है.