Lucknow: विश्व ओजोन दिवस (World Ozone Day) हर साल 16 सितंबर को मनाया जाता है. इसे ओजोन परत (Ozone Layer) के संरक्षण के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है. इस वर्ष ओजोन डे की थीम पृथ्वी पर जीवन की रक्षा करने वाला वैश्विक सहयोग है (Global Cooperation Protecting Life on Earth) है. 16 सितंबर को ओजोन डे इसलिये मनाया जाता है, क्योंकि राष्ट्रों ने ओजोन परत को नष्ट करने वाले पदार्थों पर मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल पर हस्ताक्षर किए थे.
ओजोन परत (Ozone Layer) पृथ्वी के निचले क्षेत्र में एक ऐसी परत है जो सूर्य के अधिकांश पराबैंगनी विकिरण (Ultra Violet Radiation) को अवशोषित करती है. ओजोन परत पृथ्वी से लगभग 10 से 22 मील ऊपर पायी जाती है. यह मौसम के अनुसार अलग-अलग हो सकती है. ओजोन परत सूरज से निकलने वाली नेगेटिव अल्ट्रावॉयलेट रेडिएशन को धरती पर पहुंचने से रोकती है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह विकिरण कैंसर व कई अन्य बीमारियों की वजह बन सकता है.
हर साल ओजोन डे (Ozone Day) पर लोगों को क्लोरोफ्लोरोकार्बन, प्लास्टिक व अन्य हानिकारक पदार्थो के इस्तेमाल को करने की सलाह दी जाती है. केंद्र सरकार ने पर्यावरण संरक्षण के लिये 1 जुलाई 2022 से प्लास्टिक पर बैन लगाया है. विशेषज्ञों का मानना है तो इस सदी के अंत तक पृथ्वी का तापमान 0.5 से 1 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ जाएगा. यदि ओजोन परत को संरक्षित नहीं किया जाएगा तो जलवायु परिवर्तन पृथ्वी पर सभी तरह के जीवन को समाप्त कर देगा.
विशेषज्ञों के अनुसार ओजोन युक्त हवा में सांस लेने से अस्थमा पीड़ित लोगों को नुकसान होता है. इससे फेफड़ों की कार्यक्षमता कम हो सकती है. इसके अलावा छाती में दर्द, खांसी, गले में जलन, गले में सूजन भी हो सकती है. इसलिये सांस रोगियों को खासतौर से सावधान रहने की जरूरत पड़ती है.