नई दिल्ली/समरकंद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को उज्बेकिस्तान के समरकंद में एससीओ (शंघाई सहयोग संगठन) के शिखर सम्मेलन को संबोधित किया. एससीओ सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आज जब पूरा विश्व महामारी के बाद आर्थिक रिकवरी की चुनौतियों का सामना कर रहा है, एससीओ भी भूमिका महत्वपूर्ण है. एससीओ के सदस्य देश वैश्विक जीडीपी में करीब 30 फीसदी का योगदान देते हैं और विश्व की 40 फीसदी जनसंख्या भी एससीओ देशों में निवास करती है. भारत एससीओ सदस्यों के बीच अधिक सहयोग और आपसी विश्वास का समर्थन करता है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आगे कहा कि महामारी और यूक्रेन के संकट से ग्लोबल सप्लाई चेन्स में कई बाधाएं उत्पन्न हुईं, जिसके कारण पूरा विश्व अभूतपूर्व ऊर्जा एवं खाद्य संकट का सामना कर रहा है. एससीओ को हमारे क्षेत्र में विश्वस्त, रेसिलिएंट और डायवर्सिफाइड सप्लाई चेन्स विकसित करने के लिए प्रयत्न करने चाहिए. इसके लिए बेहतर कनेक्टिविटी की आवश्यकता तो होगी ही, साथ ही यह भी महत्वपूर्ण होगा कि हम सभी एक दूसरे को ट्रांजिट का पूरा अधिकार दें.
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम भारत को एक मैन्यूफैक्चरिंग हब बनाने पर प्रगति कर रहे हैं. भारत का युवा और प्रतिभाशाली वर्कफोर्स हमें स्वाभाविक रूप से कंपीटिटिव बनाता है. इस वर्ष भारत की अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी वृद्धि की आशा है, जो विश्व की बड़ी इकोनॉमीज में सबसे अधिक होगी. हमारे पीपुल सेंट्रिक डेवलपमेंट मॉडल में टेक्नोलॉजी के उचित उपयोग पर भी बहुत फोकस दिया जा रहा है. हम प्रत्येक सेक्टर में इनोवेशन का समर्थन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज भारत में 70,000 से अधिक स्टार्ट-अप्स हैं, जिनमे से 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं. हमारा यह अनुभव कई अन्य एससीओ सदस्यों के भी काम आ सकता है. इसी उदेश्य से हम एक नए स्पेशल वर्किंग ग्रुप ऑन स्टार्टअप्स एंड इनोवेशन की स्थापना करके एससीओ के सदस्य देशों के साथ अपना अनुभव साझा करने के लिए तैयार हैं.
विश्व आज एक और बड़ी चुनौती का सामना कर रहा है और यह है हमारे नागरिकों की खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना. इस समस्या का एक संभावित समाधान है मिलेट्स (बाजरे) की खेती और उपभोग को बढ़ावा देना. मिलेट्स एक ऐसा सुपरफूड है, जो न सिर्फ एससीओ देशों में, बल्कि विश्व के कई भागों में हजारों सालों से उगाया जा रहा है और खाद्य संकट से निपटने के लिए एक पारंपरिक, पोषक और कम लागत वाला विकल्प है. वर्ष 2023 को यूएन इंटरनेशनल ईयर्स ऑफ मिलेट्स के रूप में मनाया जाएगा. हमें एससीओ के अंतर्गत एक ‘मिलेट फ़ूड फेस्टिवल’ के आयोजन पर विचार करना चाहिए.
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भारत आज विश्व में मेडिकल एंड वेलनेस टूरिज्म के लिए सबसे किफायती डिस्टिनेशन में से एक है. अप्रैल 2022 में गुजरात में WHO ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसीन का उद्घाटन किया गया. पारंपरिक चिकित्सा के लिए यह WHO का पहला और एकमात्र ग्लोबल सेंटर होगा. हमें एससीओ देशों के बीच ट्रेडिशनल मेडिसिन पर सहयोग बढ़ाना चाहिए. इसके लिए भारत एक नए एससीओ वर्किंग ग्रुप ऑन ट्रेडिशन मेडिसीन पर पहल लेगा.