अनुपम कुमार, पटना. राजनधानी में रेड लाइट वायलेसन या स्पीड लिमिट जंप करके बचना गाड़ी चलाने वालों के लिए अब आसान नहीं होगा. शहर के 30 प्रमुख चौराहोंं पर स्मार्टसिटी लिमिटेड की ओर से जल्द ही ऐसे रेड लाइट वायलेसन डिटेक्शन कैमरे लगाये जायेंगे, जो रेड लाइट का उल्लंघन करने वाले वाहन के नंबर प्लेट का अपने आप फोटो खींच कर उसे वाहन के साथ डीटीओ के रिकॉर्ड में दर्ज मोबाइल नंबर पर भेज देंगे. इसके साथ ही 10 चौराहों पर ऐसे स्पीड डिटेक्शन कैमरे लगाये जायेंगे, जो वहां से गुजरने वाले वाहनों द्वारा स्पीड लिमिट का उल्लंघन करते ही उसके नंबर प्लेट का फोटो खींचकर वाहन चालक के मोबाइल नंबर पर चालान भेज देंगे.
शहर के 30 ट्रैफिक जंक्शन पर कुल 360 आरएलवीडी कैमरे लगेंगे. हर लेन में दो कैमरे लगेंगे. एक आगे की तरफ से और दूसरा पीछे की तरफ से लगा होगा. इस प्रकार तीन लेन के एक फ्लैंक में छह कैमरे और सड़क पर 12 कैमरे लगे होंगे. इस प्रकार बड़े चौराहे पर 48 और तिराहे पर 36 कैमरे तक लगेंगे.
शहर के 320 लोकेशन पर 824 सर्विलांस और 390 पीटीजेड कैमरे लगेंगे. सर्विलांस कैमरे वारदात के बाद अपराधी की तहकीकात में काम देंगे. अधिक महत्वपूर्ण लोकेशन पर पैन टिल्ट जूम (पीटीजेड) कैमरे लगाये जायेंगे. फिक्स बुलेट कैमरा एक खास दिशा में ही निगरानी रख पायेगा और इसकी दूरी को कवर करने की क्षमता भी सीमित होगी. वहीं, पीटीजेड कैमरा किसी भी दिशा में और एंगल पर घूम पायेंगे और 800 मीटर से लेकर एक किमी दूरी तक की चीजों को पूरी तरह स्पष्ट देख पायेगा.
व्हीकिल डिटेक्शन के लिए 120 एटीसीएस कैमरे लगेंगे. ये कैमरे सामने की सड़क पर व्हीकिल द्वारा घेरी गयी जगह की जानकारी सर्वर को देंगे, जिससे व्हेीकिल लोड और उतने वाहनों को पार करने में लगने वाले समय का वह आकलन करेगा और उसके अनुरूप रेड लाइट व ग्रीन लाइट का टाइम सेट होगा. वाहन लोड और कन्जेशन अधिक होने पर ग्रीन सिग्नल का टाइम अपने आप बढ़ जायेगा.
इसके साथ ही 25 अन्य चौराहों, तिराहों और ट्रैफिक प्वाइंट पर ऐसे कैंमरे लगाये जायेंगे, जो सामने से गुजरने वाले वाहनों के नंबर प्लेट का फोटो खींच कर रिकॉर्ड में रखेंगे, ताकि शहर में आने जाने वाले वाहनों का रिकॉर्ड भी रखा जा सके. किसी अपराध या आतंकी वारदात के बादकिसी खास नंबर के वाहन को ट्रैक करने में यह अत्यधिक उपयोगी होंगे.
शहर के 10 ट्रैफिक जंक्शन पर लगने वाले स्पीड डिटेक्क्शन कैमरे भी 10 अलगअलग लॉट में होंगे. इनमें हर लॉट में कई कैमरे होंगे, जो अलग-अलग लेन, फ्लैंक और सड़कों को कवर करेंगे.