Agra News: ताजनगरी में गुरुवार को जिले के बड़े सट्टा किंग की संपत्ति पर जिला व पुलिस प्रशासन ने कुर्की की कार्रवाई की. प्रशासन ने सट्टा किंग की करोड़ों रुपए की संपत्ति को जब्त किया है. सट्टा किंग अंकुश मंगल हाईटेक तरीके से अपने सट्टे का कारोबार चलाता था और किसी बड़े वीआईपी की तरह रहता था. अंकुश मंगल के पास वीआईपी जीवन जीने के हर साधन थे. साथ ही वह पुलिस से बचने के लिए सट्टा कारोबार भी हाईटेक तरीके से चलाता था.
आगरा के 10वीं फेल सट्टेबाज अंकुश मंगल के बारे में पुलिस ने कई सारे खुलासे किए थे. पुलिस ने बताया था कि अंकुश आगरा के सट्टा व्यापार से ही नहीं बल्कि सट्टे के अंतरराष्ट्रीय सिंडिकेट से भी जुड़ा हुआ था. अंकुश को हमेशा डर रहता था कि पुलिस उसकी लोकेशन ट्रेस ना कर ले ऐसे में अंकुश फोन पर किसी से बात नहीं करता था. बल्कि वह व्हाट्सएप कॉल पर बात करने के लिए भी दुबई की एक सिम का इस्तेमाल करता था.
कमला नगर थाने में दर्ज मुकदमे में अंकुश को कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हुए थे. इसके बाद उसे करीब 3 महीने पहले पुलिस ने फरीदाबाद पुलिस की मदद से गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने इसके लिए 2 टीमों को लगाया था. वहीं पुलिस ने बताया कि अंकुश के ऊपर करीब 10 मुकदमे दर्ज हैं. पुलिस ने बताया कि अंकुर का मुखबिर तंत्र काफी मजबूत था. वह पुलिस के अलावा अन्य विभाग की खातिरदारी करता था. जिससे उसे अंदर की जानकारी मिलती रहती थी. वही गिरफ्तारी से पहले अंकुश को यह जानकारी मिल गई थी जिसके लिए उसने 25 मई को कोर्ट में सरेंडर कर अपनी जमानत भी करा ली थी. इससे पहले भी वह कई मुकदमों में अपनी जमानत करा चुका है.
पुलिस ने बताया कि अंकुश दिल्ली के एक फ्लैट में रहता था लेकिन जैसे ही उसे पुलिस के प्लान की जानकारी हुई वह फरीदाबाद के हाई सिक्योरिटी अपार्टमेंट में शिफ्ट हो गया. अंकुश की सिक्योरिटी में अपार्टमेंट में हमेशा 80 गार्ड तैनात रहते थे और कोई भी बाहरी व्यक्ति अपार्टमेंट के अंदर बिना इजाजत के दाखिल नहीं हो सकता था. वहीं, अंकुश जिस फ्लैट में रहता था, उसका किराया 60 हजार महीना था.
अंकुर की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि उसने सट्टे के काम के लिए दुबई से संचालित वेबसाइट से अपने नाम पर मास्टर आईडी ली थी. इस मास्टर आईडी को वह अपने दोस्तों को एक लाख में बेच देता था. वहीं दूसरी तरफ सुपर मास्टर आईडी से चलने वाली आईडी का हिसाब किताब वह खुद देखता था. और सुपर आईडी से ही उसे पता चलता था कि उसके साथियों ने कितने रुपए जीते हैं और उस जीती हुई रकम का सोमवार को वह हिसाब किया करता था. पैसे के हिसाब किताब के लिए अंकुश ने एक सॉफ्टवेयर भी बनवा रखा था.
रिपोर्ट : राघवेंद्र गहलोत