गुजरात के पूर्व गृह मंत्री विपुल चौधरी को राज्य भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने दूधसागर डेयरी में करीब 800 करोड़ रुपये की कथित अनियमितता के मामले में गिरफ्तार कर लिया है. विपुल को उसके सीए शैलेश पारिख के साथ गिरफ्तार किया गया. विपुल की पत्नी और बेटे पर भी आईपीसी की धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है.
विपुल चौधरी और सीए शैलेश पारिख को बुधवार रात एसीबी की टीम ने लिया था हिरासत में
विपुल चौधरी गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के पूर्व अध्यक्ष हैं. जीसीएमएमएफ के पास अमूल ब्रांड का स्वामित्व है. चौधरी मेहसाणा के दूधसागर डेयरी के भी प्रमुख रहे हैं. एसीबी के संयुक्त निदेशक मकरंद चौहान ने कहा कि भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट शैलेश पारिख को भी मेहसाणा से बुधवार रात को हिरासत में लिया था. उन्होंने कहा कि दोनों को कोरोना वायरस की जांच कराने के बाद आधिकारिक तौर पर गिरफ्तार कर लिया गया.
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Vipul Chaudhari arrested by Mehsana ACB in money laundering case to tunes of Rs 800 cr, when he was Chairman of Dudhsagar Dairy. Vipul arrested along with his CA Shailesh Parikh.
Vipul's wife & son have too been booked in FIR filed u/s of IPC & under Prevention of Corruption Act https://t.co/6PcXBhHjY1— ANI (@ANI) September 15, 2022
सीआईडी ने पहले भी विपुल चौधरी को किया था गिरफ्तार
एसीबी की मेहसाणा इकाई ने दूधसागर डेयरी के प्रमुख रहने के दौरान 800 करोड़ रुपये की आर्थिक अनियमितता में शामिल होने के आरोप में बुधवार रात को चौधरी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. चौहान ने बताया कि उनके खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी, आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इससे पहले चौधरी को गुजरात अपराध जांच विभाग (सीआईडी) ने उन 14.8 करोड़ रुपये का गबन करने के आरोप में 2020 में गिरफ्तार किया था जिसका इस्तेमाल दूधसागर डेयरी के कर्मियों को बोनस देने के लिए किया जाना था. चौधरी को पशु चारा खरीद में कथित भ्रष्टाचार के आरोप में जीसीएमएमएफ और दूधसागर डेयरी से बर्खास्त कर दिया गया था. चौधरी गुजरात में सहकारिता क्षेत्र के एक जाने माने चेहरे हैं. वह 1996 में शंकर सिंह वाघेला सरकार में गृह मंत्री थे.