बिहार के प्रारंभिक स्कूलों शिक्षकों और प्रधानाध्यापकों को एमएसीपी (मोडिफाइड अस्योर्ड कैरियर प्रोग्रेशन स्कीम) 2010 के तहत वित्तीय लाभ मिलेगा. शिक्षा विभाग ने इस संदर्भ में आदेश जारी कर दिया है. इस स्कीम के बाद प्रारंभिक स्कूलों के शिक्षकों/प्रधानाध्यापकों को भी दूसरे राज्य कर्मी व माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की तरह 10, 20 व 30 वर्ष की सेवा पूरी होने पर पहला, दूसरा व तीसरा वित्तीय उन्नयन प्राप्त होगा. विभाग ने सभी संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि इस संदर्भ में पहले जारी किये गये संकल्प के मुताबिक इस आदेश का पालन कराया जाये.
शिक्षा विभाग के इस आदेश से करीब दो लाख से अधिक शिक्षकों को वित्तीय लाभ होगा. इस योजना से प्रोमोशन की जगह वित्तीय ग्रेड में प्रोमोट किया जाता है. इस तरह शिक्षक की पोस्ट नहीं बढ़ती, लेकिन उसके वेतन में एक नियमित अंतराल में इजाफा होता रहता है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक वित्त विभाग के परामर्श के बाद शिक्षा विभाग ने यह कदम उठाया है.
वित्त विभाग की अनुशंसा के बाद जारी विभागीय आदेश में कहा गया है कि वैसे शिक्षक, जिनकी सेवा 1 जनवरी 2009 के पूर्व तक 10 वर्षों में पूरी हो जाती है और वित्तीय उन्नीयन की सुविधा एक सितंबर 2011 को दी गयी, तो उसी तिथि से ग्रेड पे का लाभ हासिल हो सकेगा. इसी तरह ऐसे शिक्षक जिनकी सेवा 20 साल हो गयी और उन्हें द्वितीय उन्नयन की देय वास्तविक लाभ एक सितंबर 2011 से ही मिलेगा. इसी इसी तरह तीस साल की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों को एमएसीपी का लाभ हासिल होगा.
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शिक्षा विभाग के उप सचिव अरशद फिरोज की तरफ से जारी इस आदेश के मुताबिक लाभान्वित होने वाले शिक्षकों को एमएसीपी की स्वीकृति दिये जाने के दौरान पहले से मंजूर वित्तीय उन्नयन के फलस्वरूप प्राप्त राशि अगर बची होगी, तो उसे समायोजित किया जायेगा. आदेश के मुताबिक जिला प्रारंभिक शिक्षक स्थापना समिति जिला स्तर पर एमएसीपी का लाभ देने के लिए स्क्रीनिंग समिति काम करेगी. समिति की अनुशंसा के आदेश पर जिला शिक्षा पदाधिकारी एवं स्थापना जिला कार्यक्रम पदाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से निर्गत किया जायेगा.