रूस ने बुधवार को कहा कि उसने अपनी सबसे लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल रक्षा प्रणाली एस-400 (S-400 missile system) की आपूर्ति वाशिंगटन और अमेरिका के नेतृत्व वाले पश्चिमी देशों के प्रतिबंध के बावजूद भारत को समय पर की है. भारत में रूसी राजदूत डेनिस अलीपोव ने इस सप्ताह उज्बेकिस्तान में एससीओ शिखर सम्मेलन के मौके पर राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच एक बैठक से पहले यह टिप्पणी की है.
रूसी अधिकारी के अनुसार, अमेरिका के दबाव के बावजूद, भारत अपने राष्ट्रीय हितों के लिए अडिग रहने का इरादा रखता है, खासकर जब देश की रक्षात्मक क्षमताओं के निर्माण के मुद्दों की बात आती है. उन्होंने कहा, हम मानते हैं कि अंतर सरकारी समझौते, विशेष रूप से यहां एस-400 सिस्टम की आपूर्ति के संबंध में है, जिसे लागू किया जाना है.
अलीपोव ने सरकारी टीएएसएस समाचार एजेंसी को बताया, हम और हमारे भारतीय साझेदार समय सीमा सहित संबंधित प्रतिबद्धताओं को पूरा करने में रुचि रखते हैं. बताते चले कि भारत ने अमेरिकी प्रतिबंधों की आशंका को दरकिनार करते हुए एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयों की खरीद के लिए रूस के साथ अक्टूबर 2018 में पांच अरब अमेरिकी डॉलर के समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. रूस ने पिछले साल दिसंबर में एस-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की पहली इकाई की आपूर्ति की थी.
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गौरतलब है कि एससीओ शिखर सम्मेलन का आयोजन 15 और 16 सितंबर को होने जा रहा है. इस सम्मेलन में राष्ट्रपित पुलिस और पीएम मोदी की वन टू वन बातचीत होनी है. रूसी राजदूत ने कहा कि जहां दोनों नेताओं के रणनीतिक स्थिरता, एशिया प्रशांत क्षेत्र की स्थिति और संयुक्त राष्ट्र और जी20 के भीतर द्विपक्षीय सहयोग के मुद्दों पर चर्चा करने की उम्मीद है.
(भाषा- इनपुट)