भागलपुर. बिहार-झारखंड सीमा पर बसा तीन गांव जिले के लिए सिर दर्द बन चुका है. दरअसल, गोड्डा सीमा पर सटे तीन गांव में रहने वाली बीस से तीस लोग बिहार में शराब खेप पहुंचाने में लगे हुए है. होली के समय इन लोगों की पहचान कर बिहार पुलिस ने छापेमारी की थी, जिसमें काफी संख्या में नकली शराब व खाली बोतल बरामद किया गया था. इसकी जानकारी भागलपुर के वरीय पुलिस अधीक्षक बाबू राम ने दी. एसएसपी बुधवार को पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे.
एसएसपी बाबू राम ने बताया कि गोड्डा के इस गांव में होली के वक्त नकली शराब काफी मात्रा में बरामद किया गया था. स्प्रिट में रंग मिला कर ये लोग शराब बना देते हैं. इस नकली शराब को ब्रांड बाेतल में डाल पैक कर सीधे बिहार में भेज दिया जाता था. पुलिस कार्रवाई में इसका सबूत मिला था. इस काम में करीब तीस से ज्यादा लोग शामिल हैं. कुछ को भागलपुर से गयी टीम ने हिरासत में लिया था, बाकी कुछ अब तक फरार है.
जिले में शराब की डिलिवरी में महिलाआें को शामिल किया गया है. मजदूरी करने आने वाली महिलाआें के बैग में दो चार बोतल शराब रख दी जाती है. एसएसपी के अनुसार अब इन लोगों की भी पहचान हो रही है. तय रूट में इन सभी को रोक कर तलाशी ली जा रही है. इसमें पुलिस को काफी सफलता भी मिला है. ट्रक, समेत अन्य छोटे वाहनों से शराब बरामद किया गया है.
एसएसपी के अनुसार शहरी क्षेत्र में शराब की होम डिलिवरी करने वालों की सूची तैयारी हो रही है. इसके लिए सभी थाना प्रभारी को आदेश दिया गया है. सूची तैयार होने के बाद होम डिलिवरी करने वालों पर खास तौर पर नजर रखी जायेगी. इससे शहरी क्षेत्र में शराब की डिलिवरी नहीं हो सके.
एसएसपी ने बताया कि दस तारीख तक जिले में रहने वाले छह सौ शराबी को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है. वहीं, जिले में अब तक जो भी शराब बरामद किया गया है. पुलिस उसे असली मान कर कार्रवाई कर रही है. दरअसल, शराब में अगर मिथाइल एल्कोहल मिला होता है, तो उसे नकली माना जाता है. जिले में इसकी जांच नहीं हो रही है. एेसे में जिला पुलिस के पास अब तक डाटा उपलब्ध नहीं है.