Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है. नवरात्रि में कलश स्थापना के साथ ही जवारे बोने का विशेष महत्व है. जवारे की वृद्धि को आने वाले समय के शुभ-अशुभ संकेतों के रूप में देखा जाता है. जानें कैसे जवारे देते हैं शुभ संकेत.
नवरात्रि के ज्वारे देते हैं शुभ संकेत
-
नवरात्रि के जवारे की वृद्धि, रंग देते हैं शुभ-अशुभ संकेत
-
यदि अंकुरित जौ का रंग नीचे से आधा पीला और ऊपर से आधा हरा है, तो माना जाता है कि साल का आधा समय अच्छा बीतेगा और आधा समय खराब.
-
यदि जौ का रंग नीचे से हरा और ऊपर से पीला है, तो साल का शुरुआती समय ठीक जबकि आखिरी महीनों का समय परेशानियों से भरा बीतने के संकेत होते हैं.
-
यदि जौ सफेद या हरे रंग की उगती है, तो यह शुभ संकेत है.
-
जौ अंकुरित होने के बाद यदि झड़ने लगे तो यह अशुभ संकेत है.
-
जौ बोने के तीन दिनों बाद ही वो उगने लगे और हरी-भरी हो जाए. तो इसे बेहद शुभ माना जाता है.
-
जवारे की वृद्धि तेजी से हो तो माना जाता है कि मां दुर्गा की कृपा से घर में सुख समृद्धि आयेगी.
-
पीले रंग में उगने वाले जौ भी घर में खुशियों की दस्तक के संकेत होते हैं.
Also Read: Shardiya Navratri 2022: कब से शुरू हो रही शारदीय नवरात्रि? जानें तिथि, घटस्थापना का शुभ मुहूर्त, विधि
Also Read: नवरात्रि में जौ बोने का सही तरीका जानें, इन बातों का रखें ध्यान, तेजी से बढ़ेंगे जवारे
नवरात्रि के ऐसे जवारे देते हैं कठिन या अशुभ समय का संकेत
-
जवारे आने वाले समय की मुश्किल परिस्थितियों के संकेत भी देते हैं.
-
जवारे यदि ठीक से नहीं उगते हैं तो इसे घर के लिए अशुभ माना जाता है.
-
जवारे यदि सुखे, टेढ़ी-मेढ़े उगें तो यह भी कठिन समय की ओर इशारा करते हैं.
-
जौ सूखी और पीली होकर झड़ने लगे तो ये भी एक अशुभ संकेत होता है.
-
यदि ज्वारे की वृद्धि अच्छी न हो या कोई अशुभ संकेत मिल रहे हों, तो मां दुर्गा से अपने कष्टों और परेशानियों को दूर करने के लिए प्रार्थना करें.