Valmiki Tiger Reserve के गोवर्द्धना रेंज के बेलसंडी गांव से पश्चिम सरेह में रह रहे बाघ की पहचान वन कर्मियों द्वारा तेंदुए के रूप में की गई है. इसके बाद भी वन समीपवर्ती क्षेत्र में दहशत कायम है. विदित हो कि यह तेंदुआ रविवार की शाम में घास लेकर आ रही दो महिलाओं यथा ज्ञान्ति देवी व होरिली देवी पर अचानक हमला कर दिया था. ये महिलायें चीखते चिल्लाते व शोर मचाते हुए भागकर अपनी जान बचाई. वही बाघ को पकड़ने के लिए गोवर्धना रेंज के वन कर्मी आज तीन दिनों से बाघ को ट्रैकिंग करने में लगे हुए हैं. लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली है.
वन समीपवर्ती बेलसंडी समेत दर्जनों गांवों में दहशत की स्थिति है. ग्रामीणों की मानें तो एक सप्ताह से रह रहे बाघ की दहशत बेलसंडी सहित काला पकड़ी, हरदी, बड़हरवा, टहकौल, टिकुल टोला, अहरार पिपरा गांव में इस कदर बढ़ गई है कि लोगों की आंखों से रात की नींद उड़ गई है. आम जनों के अंदर इस तरह का भय का माहौल बन गया है कि बाघ कब किस गांव में प्रवेश कर जाएगा और कब किस पर आक्रमण कर देगा, यह कहना मुश्किल है. दर्जनों गांव के लोगों को यह भय सताने लगा है और इन लोगों का खेत खलियान आना-जाना मुश्किल हो गया है. ग्रामीणों द्वारा बताया जा रहा है अभी भी बाघ बेलसंडी व हरदी गांव के बीच सरेह में विचरण कर रहा है. जबकि बेलसंडी सहित आसपास के ग्रामीणों का कहना है कि बाघ को पकड़ने में यह वन कर्मी असफल हो रहे हैं. बाघ को पकड़ने में वनकर्मी लापरवाही कर रहे है. जिसका खामियाजा हम ग्रामीणों को भुगतना पड़ सकता है.
पूर्व से ही वन विभाग की ओर से ग्रामीणों में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. वन कर्मियों के द्वारा बाघ की पहचान तेंदुए के रूप में की गई है. सोमवार की शाम वन कर्मियो द्वारा यह प्रचार-प्रसार कराया जा रहा है कि बाघ आपके आसपास में हैं. सावधान रहने की जरूरत है. इधर तरफ टाइगर टेकर दिनेश यादव और वनरक्षी सुरेश यादव आदि का कहना है कि तेंदुए को जंगल में पहुंचा दिया गया है. वही इस संबंध में गोवर्द्धना रेंज के रेंजर सुजीत कुमार से जानकारी लेने पर उनका मोबाइल नंबर बंद पाया गया.